त्रिपुरा में तृणमूल का जनाधार नहीं,नोटा से भी कम मिलेंगे वोट

 

कोलकाता, । मंगलवार का दिन त्रिपुरा में चुनावी रस्साकशी का दिन रहा। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता राजनाथ सिंह अमित शाह और योगी आदित्यनाथ ने यहां जनसभाएं कर संबोधन किया है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को साथ लेकर पांच किलोमीटर की लंबी पदयात्रा के बाद भाजपा और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। वहीं भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ वरिष्ठ विधायक और बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी भी त्रिपुरा में मौजूद थे। उन्होंने भी संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बंगाल का बेड़ा गर्क ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के नेताओं ने कर दिया है। वहां केवल भ्रष्टाचार है। सरकारी कोष को लूट लिया गया। हर एक नौकरी में धांधली हुई है। शिक्षक नियुक्त भ्रष्टाचार की खबरें आप लोग टीवी पर देखते होंगे। करोड़ों रुपये मंत्रियों के घरों से निकले हैं और जेल में हैं। केंद्रीय योजनाओं का रुपया तृणमूल कांग्रेस के नेता लूट लेते हैं। वहां महिलाओं पर अत्याचार, राजनीतिक हिंसा और प्रशासन की बर्बरता जगजाहिर है। उसी मॉडल को त्रिपुरा में भी लागू करने के लिए ममता तुली हुई हैं। यहां के लोग उन्हें भली-भांति पहचानते हैं और तृणमूल कांग्रेस को नोटा से भी कम वोट मिलेंगे।

उल्लेखनीय है कि एक दौर में ममता बनर्जी के सहयोगी रहे शुभेंदु अधिकारी को त्रिपुरा भेजने के पीछे भारतीय जनता पार्टी की बेहद खास रणनीति है। एक तरफ त्रिपुरा में भाजपा ममता बनर्जी पर बाहरी होने का तमगा लगा रही है तो दूसरी और उन्हीं के कैबिनेट के पूर्व सहयोगी रहे शुभेंदु अधिकारी के जरिए उनके शासन के भ्रष्टाचार को उजागर करने की कोशिश चुनाव में लाभकारी साबित होने की उम्मीद है।

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