कोलकाता। आसनसोल के पूर्व मेयर और भारतीय जनता पार्टी के नेता जितेंद्र तिवारी के खिलाफ कोयला और मवेशी तस्करी मामले में सीआईडी की समानांतर जांच को लेकर ममता सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ से भी झटका लगा है। न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ के उस फैसले को बरकरार रखा है जिनमें सीआईडी के समानांतर जांच पर रोक लगाई गई थी।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि सीबीआई जब इस मामले की जांच कर रही है तो सीआईडी को समानांतर जांच करने की जरूरत नहीं है। खंडपीठ ने दो सप्ताह के भीतर हलफनामा जमा करने को कहा है और दुर्गा पूजा की छुट्टी के चार सप्ताह के अंत में मामले की दोबारा सुनवाई होगी। दरअसल कोयला तस्करी मामले में सीआईडी ने जितेंद्र तिवारी को तलब किया था जिसे लेकर उन्होंने आरोप लगाया था कि राजनीतिक पूर्वाग्रह में उन्हें परेशान करने के लिए सीआईडी ने नोटिस भेजा है। इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ ने स्पष्ट कर दिया था कि जब केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं तो सीआईडी को जांच करने की जरूरत नहीं है। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में याचिका लगाई थी।