हरिपुर का अस्तित्व हो जायेगा ख़त्म, उखड़ा शहर में छा जाएगी वीरानी

सोनपुर बाज़ारी परियोजना की विस्तारीकरण की भेंट चढ़ जायेगा कोयलांचल का विस्तीर्ण इलाका

 

रानीगंज। सोनपुर बाज़ारी परियोजना को लेकर ईसीएल प्रबंधन ने जो योजनाएं बनाई है यदि वह सफल हुआ तो आने वाले वर्षों में हरिपुर का अस्तित्व ख़त्म हो जायेगा. हरिपुर बाजार , हरिपुर गांव तथा आस-पास के इलाके में चारों ओर कोयला खदान नजर आएगा. वहीँ कोयलांचल के प्राचीन एवं प्रमुख उखड़ा शहर में वीरानी छा जाएगी. कारण प्रबंधन ने इस परियोजना का विस्तार उखड़ा शहर संलग्न रेल लाइन तक करने की योजना बनाया है. उखड़ा शफीक नगर, 4 न. इत्यादि स्थानों का नामोनिशान मिट जायेगा. यदि ऐसा होता है तो उखड़ा बाजार का एक छोड़ खदान से घिर जायेगा. गौरतलब है कि उखड़ा बाजार कोयलांचल वासियों पर निर्भर है. प्रबंधन सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में सोनपुर बाज़ारी परियोजना में कोयले की वार्षिक उत्पादन क्षमता 12 मिलियन टन है. विभागीय करीब आधा दर्जन ओपन कास्ट माइंस का संचालन किया जा रहा है. उत्पादित कोयले के प्रेषण के लिए अत्याधुनिक तकनिकी से लैस साइलो-सीएचपी का उद्घाटन बीते वर्ष यहां किया गया. परियोजना की उत्पादन क्षमता 12 मिलियन टन से बढ़ा कर 15 मिलियन टन करने के उद्देश्य से एनवायरनमेंट क्लियरेंस के लिए आवेदन किया गया है. उत्पादन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इस परियोजना के विस्तारीकरण जरुरी है. अब तक इस परियोजना की भेंट चढ़ चुके है 10 गांव व मोहल्ले प्रबंधन सूत्रों के मुताबिक सोनपुर बाज़ारी ओपन कास्ट प्रोजेक्ट की नींव वर्ष 1986 में डाली गई थी. वर्ष 1990 -91 में यहां कोयला उत्पादन शुरू हुआ था. जनवरी 1995 में इस परियोजना से 3 .4 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन करने का अनुमोदन मिला था. अगस्त 2012 में 8 मिलियन टन और जुलाई 2021 में 12 मिलियन टन का अनुमोदन इसे मिला.परियोजना की शुरुआत से लेकर अब तक पंजाबी डांगा, हांसडीहा, रुईदास पाड़ा(सोनपुर गांव का एक हिस्सा) भेलाडांगा, आरसोला, बासकडांगा, बंदघाट, कूचीबेरा , भालुका और सोनपुर गांव व मोहल्ले परियोजना की भेंट चढ़ चूका है. हालांकि परियोजना से प्रभावित 2069 परिवारों को ईसीएल प्रबंधन ने विभिन्न स्थानों पर पुनर्वासित करने के साथ-साथ नियमानुसार मुआवजा व सुविधाएं प्रदान की. (box)***** उखड़ा के शफीक नगर से हरिपुर तक होगा परियोजना का विस्तार प्रबंधन सूत्रों के मुताबिक हाल ही में सोनपुर गांव के प्रभावित 850 परिवारों को दाहूका रिहैब साइट पर बसाया गया है. अब विस्तारीकरण के लिए भाटमुरा,मधुडांगा और बाज़ारी गांव के प्रभावित 1546 परिवारों को प्रबंधन पुनर्वास करने जा रहा है. इन तीनों गांवों को वर्ष 2025 तक पुनर्वासित करने की योजना है. वर्ष 2029 तक उखड़ा रेलवे स्टेशन संगलन बस्ती (शफीकनगर, 4 न आदि ) से लेकर हरिपुर तक 9313 परिवारों को पुनर्वासित करने की योजना है. उखड़ा से हरिपुर तक परियोजना के विस्तार के कारण नवग्राम, शंकरपुर, शीतलपुर, बनबहाल, पहाड़ियापाड़ा, शीतलपुर साइडिंग संलग्न बस्ती, नेहरू विद्यापीठ संलग्न कॉलोनी, भेलाडांगा रिहैब साइट आदि आने वाले वर्षों में सोनपुर बाज़ारी परियोजना के विस्तारीकरण की भेंट चढ़ने जा रहा है।. सोनपुर बाज़ारी क्षेत्र के महाप्रबंधक आनंद मोहन ने कहा कि गुणवत्ता की दृषिटकोण से सोनपुर बाज़ारी परियोजना की कोयला हिंदुस्तान का सबसे उत्कृष्ट मान का कोयला (जी-4 ग्रेड) है. इस परियोजना का लाइफ 32 वर्ष है. पर्यावरण हितैषी माहौल में अत्याधुनिक मशीनरी के उपयोग से यहां उत्पादन कार्य किया जाता है. परियोजना के लिए 14 में से 6 गांवों को पुनर्वासित किया जा चुका है. विस्तारीकरण के लिए बाकी के गांवों को आने वाले वर्षों में पुनर्वास करने की योजना है.

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