रानीगंज(संवाददाता):परबेलिया गुरुद्वारा मे गुरमत प्रचार प्रसार का कार्य तेजी से किया जा रहा है इस गुरुद्वारे का ऐतिहासिक महत्व है गुरुद्वारा के प्रधान सरदार मलकीत सिंह के नेतृत्व में सरदार जसपाल सिंह एवं अन्य सेवादारों द्वारा निरंतर गुरुद्वारे का विकास एवं सिख संगत को गुरुद्वारे के प्रति जोड़ने का काम चल रहा है। अपने समाज के बच्चों को प्रोत्साहित करना उन्हें गुरु घर से जोड़ना के लिए सभी सेवादार प्रयासरत रहते हैं। गुरुद्वारा की देन 5 सिख महिलाओं की है। 1984 मैं दंगा के समय गुरुद्वारा को दंगाइयों ने नष्ट कर दिया था आग लगाकर। समाज के पांच महिलाएं स्वर्गीय रंजीत कौर आमडंगा निवासी,मोती कौर, सरविंदर कौर एवं स्वर्गीय रंजीत कौर हॉटतला निवासी के अथक प्रयास से आपस में चंदा करके नये गुरुद्वारे की स्थापना की गई। उस समय गुरुद्वारा के प्रधान कृपाल सिंह थे। वर्ष 2010 में गुरुद्वारे का सौनदरयीकरण का कार्य शुरू हुआ एवं 2014 में कार्य पूरा किया गया जिसका उद्घाटन पटना के तत्कालीन जत्थेदार इकबाल सिंह एवं दरबार साहिब के पदम श्री निर्मल सिंह खालसा के कर कमलों द्वारा गुरुद्वारे में कार्यक्रम किया गया था। पिछले 8 वर्षों से प्रधान की सेवा सरदार मलकीत सिंह कर रहे हैं उनके कार्यकाल में गुरुद्वारे का काफी विकास हुआ है 50 लाख रुपए की लागत से लंगर हॉल का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है एवं इसके शुरुआत भी हो गई है समाज के बच्चों को शिक्षा देने के लिए काम लगातार किया जा रहा है। प्रत्येक महीने गुरुद्वारे में गुरमत कार्यक्रम का आयोजन होता है। एवं इस गुरुद्वारे में गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश गुरु पर्व मनाया जाता है। गुरु घर की सेवा में सरदार जसपाल सिंह भी अभूतपूर्व भूमिका निभा रहे हैं।