कोलकाता । राज्य के विद्युत मंत्री शोभन देव चट्टोपाध्याय ने सोमवार को अजीबोगरीब मांग की है। उन्होंने राज्यपाल पद पर किसी राजनीतिक व्यक्ति को आसीन करने की रीति को खत्म कर उस पर मुख्य न्यायाधीश को नियुक्त करने की मांग की है। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया है कि इससे राज्यपाल पर अलग से होने वाला खर्च बचेगा। उन्होंने धनखड़ के कार्यकाल को याद करते हुए राज्य सरकार के साथ टकराव को भी इसके पीछे एक कारण बताते हुए कहा है कि मुख्य न्यायाधीश के नियुक्त होने के बाद इस तरह के टकराव से आसानी से बचा जा सकेगा। हालांकि शोभन देव चट्टोपाध्याय ने स्पष्ट किया है कि यह उनकी पार्टी का रुख नहीं है बल्कि उनका व्यक्तिगत मानना है। अपनी बातों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा है कि इसके पहले सरकारिया कमिशन और बुझी कमीशन ने भी राज्यपाल पद को खत्म करने की वकालत की थी।
राज्य के नवनियुक्त संसदीय कार्य मंत्री के इस बयान के बाद भाजपा नेता समिक भट्टाचार्य ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि शोभन देव चट्टोपाध्याय मार्क्सवादी तृणमूल नेता हैं और किसी भी पार्टी में रहें लेकिन उनका कम्युनिज्म खत्म नहीं होता।
माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा है कि वामपंथियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को अब शोभन उठा रहे हैं। जब वे विपक्ष में थे तब हमारी मांगों का जमकर विरोध करते थे और आज वही चीजें दोहरा रहे हैं। इसी को कहते हैं बाबा जी का ठुल्लू।