
दुर्गापुर। दुर्गापुर के हेल्थ वर्ल्ड हॉस्पिटल में एक अत्यंत समय से पहले जन्मे शिशु पर सफल हृदय प्रत्यारोपण (PDA क्लोजर) कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की गई। मात्र 25 सप्ताह में जन्मे और 810 ग्राम वजन वाले इस नन्हे शिशु का ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया गया — यह पश्चिम बंगाल में पहला और भारत में दूसरा ऐसा मामला है। शिशु के हृदय की एक नस (डक्टस आर्टेरियोसस) जन्म के बाद भी खुली रह गई थी, जिससे उसके फेफड़ों में अत्यधिक रक्त प्रवाह हो रहा था। जब दवाओं से सुधार नहीं हुआ, तो डॉ. नूरुल इस्लाम और उनकी टीम ने नस के रास्ते पिकोलो डिवाइस लगाकर उस नस को बंद किया। उस समय शिशु का वजन मात्र 710 ग्राम था, जिससे यह प्रक्रिया अत्यंत जटिल और जोखिमपूर्ण थी। ऑपरेशन के बाद शिशु को गहन नवजात देखभाल में रखा गया। डॉ. सौम्यदीप बिस्वास, डॉ. अनिरबन बसु, डॉ. संजीव तिवारी, डॉ. एस.पी. मांझी, डॉ. देबाशीष घोष और उनकी पूरी टीम ने दिन-रात मेहनत कर बच्चे को जीवनदान दिया।
डॉ. इस्लाम ने कहा, “यह न केवल आधुनिक चिकित्सा का चमत्कार है, बल्कि एक नन्हे योद्धा के अदम्य साहस और हमारी टीम की प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है।” राज्य सरकार की स्वास्थ्य साथी योजना के तहत परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान की गई, जिससे उन्हें उपचार की लागत में राहत मिली।
इस सफलता की घोषणा हेल्थ वर्ल्ड हॉस्पिटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ़्रेंस में की गई, जहाँ मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे। वरिष्ठ डॉक्टरों ने प्रेस के समक्ष पूरे ऑपरेशन की जानकारी साझा की और बताया कि इतने छोटे एवं नाज़ुक शिशु पर सफल प्रक्रिया चिकित्सा विज्ञान की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल हेल्थ वर्ल्ड हॉस्पिटल के लिए गर्व की बात है, बल्कि पुरे जिले के साथ पश्चिम बंगाल और देश के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।
