स्वामी करपात्री जी महाराज का प्राकट्य दिवस 26 जुलाई को ।
कोलकाता । धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, वर्तमान में इस उदघोष से सनातन धर्मावलंबियों का अनुष्ठान होता है । इस उद्घोष की रचना प्रतापगढ़ की माटी से निकले महान संत स्वामी करपात्री जी महाराज ने की थी । मुंबई में हुए एक शास्त्रार्थ में उन्हें धर्मसम्राट की उपाधि मिली थी । हाथ में जितना आता था, उतना ही प्रसाद पाते थे, इसी आधार पर उनका नाम करपात्री पड़ा । उनके द्वारा दिया गया जयघोष हर धार्मिक अनुष्ठान में गूंजता है । शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज के कृपापात्र शिष्य प्रेमचंद्र झा, पोद्दार सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. अशोक पोद्दार ने बताया 26 जुलाई को महाजाति सदन अनेक्स, कोलकाता में स्वामी करपात्री जी का जन्म उत्सव विद्वान, मनीषी, साहित्यकार एवम् श्रद्धालु भक्तों की उपस्थिति में मनाया जायेगा । आदित्य वाहिनी पश्चिम बंगाल, आनन्द वाहिनी, श्री जगन्नाथ मन्दिर सेवा संस्थान, गुरुकुल गौशाला (कल्याणी) एवम् धार्मिक, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता सक्रिय हैं ।