अवैध निर्माण और प्रशासनिक अनदेखी के खिलाफ कारोबारी का आमरण अनशन शुरू

कोलकाता, 17 जून । बड़ाबाजार इलाके के कारोबारी सांवरमल अग्रवाल ने अवैध निर्माण, प्रशासनिक उदासीनता और नागरिक सुरक्षा की अनदेखी के खिलाफ आमरण अनशन शुरू कर दिया।

अग्रवाल ने बताया कि कोलकाता के 74 नंबर बड़तल्ला स्ट्रीट, वार्ड 23 में स्थित एक विपत्तिजनक भवन होने के कारण नागरिकों की जान को खतरा है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और नगर निगम आंख मूंदे बैठा है।

सांवरमल अग्रवाल के अनुसार, जिस भवन की वे बात कर रहे हैं, उसे पिछले 7-8 वर्षों पहले भूमाफिया प्रमोटर ने खरीदा और जस का तस छोड़ दिया एक तरफ गंदगी का अंबार दूसरी और मलबे का ढेर बना हुआ है पेड़ पौधे अपनी जड़ों से मकान को जकड़ लिया है। इस कारण आसपास के निवासियों में भय व्याप्त है। उन्होंने बताया कि यह भवन पहले ही क्षतिग्रस्त था और इसमें दरारें आ चुकी थीं, इसके बावजूद भी इसकी देखरेख नहीं हो रही है


निगम और पुलिस से नहीं मिली राहत

अग्रवाल ने बताया कि कोलकाता नगर निगम को कई बार आवेदन देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस और स्थानीय थाना भी इस मामले में निष्क्रिय बना हुआ है। अग्रवाल का आरोप है कि स्थानीय नेताओं के दबाव में प्रशासन जानबूझकर कार्रवाई नहीं कर रहा है, जिससे क्षेत्र में कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
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स्थानीय लोगों की जान जोखिम में

पत्र के अनुसार, जिस भवन का जिक्र किया गया है वह विपत्तिजनक होने के कारण उसके खतरनाक ढंग से ढहने की आशंका पहले भी व्यक्त की जा चुकी है। इससे आसपास रहने वाले नागरिकों और व्यापारियों की जान को सीधा खतरा उत्पन्न हो गया है। बड़ा बाजार में भवन निर्माण के दौरान न तो सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है और न ही अग्नि सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह एक बड़े हादसे का कारण बन सकता है।


सरकारी योजनाओं की आड़ में निजी निर्माण

अग्रवाल ने आरोप लगाया कि सार्वजनिक हित के नाम पर जिस भवन में निर्माण कार्य किया जा रहा है, उसे रिहायसी भवन बताकर बाद में व्यावसायिक भवन में बदल दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर यह निर्माण कार्य वाणिज्यिक हितों के लिए किया जा रहा है, जबकि उसके लिए आवश्यक विभागीय अनुमतियां भी प्राप्त नहीं की गई हैं।

सांवरमल अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि उनका अनशन किसी राजनीतिक दल या संगठन से प्रेरित नहीं है, बल्कि आम जनता के अधिकारों की रक्षा और प्रशासनिक निष्क्रियता के विरुद्ध है। उन्होंने सभी राजनीतिक, सामाजिक संगठनों और मीडिया से अपील की कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और प्रशासन को उचित कार्रवाई के लिए मजबूर करें।

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