दुर्गापुर। पृथ्वी दिवस के अवसर पर बेसिक साइंस विभाग के तत्वावधान में छात्र विज्ञान क्लब ने एनएसएचएम नॉलेज कैंपस, एनएसएचएम इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, दुर्गापुर में एक भव्य समारोह का आयोजन किया। यह उत्सव आध्यात्मिक रूप से भगवान गणेश और सरस्वती वंदना की प्रार्थना के साथ शुरू हुई, जिसके बाद ज्ञान और शुभशुरुआत के प्रतीक के रूप में दीप प्रज्वलित किए गए।
इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के विभिन्न प्रतिष्ठित स्कूलों के कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों का स्वागत किया गया, जो पर्यावरण जागरूकता और वैज्ञानिक रचनात्मकता को बढ़ाने के लिए आयोजित विभिन्न रोचक और पर्यावरण-सचेत प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए परिसर में आए थे। स्ट्रक्चराः मॉडल चैलेंज-नवीन हरित प्रौद्योगिकी आधारित मॉडल प्रदर्शन। पोस्टर पैलेट- पर्यावरण अनुकूल विचारों और टिकाऊ समाधानों पर प्रकाश डालने वाली पोस्टर प्रदर्शन प्रतियोगिता आयोजित हुई। बेसिक साइंस विभाग का विज्ञान क्लब “उड़ान” द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में एनएसएचएम के छात्र सक्रिय रूप से भाग लिए, जिससे यह आयोजन गतिशील और समावेशी बन गया। समारोह के एक भाग के रूप में, सेमिनार हॉल- डी ब्लॉक में आने वाले स्कूली छात्रों के लिए “हरित प्रौद्योगिकी: एक टिकाऊ कल को बढ़ावा देना”विषय पर एक सेमिनार भी आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता एनआईटी दुर्गापुर के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर (डॉ.) पथिक कुंभकार थे, जिन्होंने टिकाऊ प्रौद्योगिकी के भविष्य पर अमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की।
इस कार्यक्रम में एनएसएचएम नॉलेज कैंपस, दुर्गापुर के बेसिक साइंस विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. संचिता सरकार सहित कई प्रमुख हस्तियां शामिल थीं। उन्होंने राज्य भर से 200 से अधिक स्कूली छात्रों की मेजबानी करने पर गर्व व्यक्त किया तथा इस तरह की पहल के माध्यम से उत्साहपूर्ण भागीदारी और जीवंत शिक्षण वातावरण के सृजन पर प्रकाश डाला। एनएसएचएम नॉलेज कैंपस, दुर्गापुर के निदेशक प्रोफेसर डॉ. आलोक सत्संगि ने अपने संबोधन में पृथ्वी पर जीवन को संरक्षित करने के महत्व पर जोर दिया और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के प्रति संस्थान की अटूट प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने छात्रों को सामाजिक कार्यों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने तथा कल के नेताओं में सेवा और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने के महत्व पर बात की। एनएसएचएम में पृथ्वी दिवस समारोह ने न केवल उभरते मस्तिष्कों को अपने नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान किया, बल्कि एक हरित भविष्य के लिए स्थिरता, सहयोग और आशा के महत्वपूर्ण संदेश को भी मजबूत किया।