रानीगंज। बांकुड़ा के मेज़िया घाट दामोदर नदी से केके मिनरल्स कंपनी द्वारा बालू निकाला जा रहा है। कंपनी सभी सरकारी नियमों को ताक पर रखकर घाट से बालू खनन कर रहे है। बालू खनन में जिन मसीनो को वर्जित किया गया है.उसका भी धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है.अधिक बालू खनन एवं अधिक मुनाफा के लिए बालू कारोबारी सभी सरकारी निर्देश को ताक पर रखकर बालू खनन में लग गए है। सरकारी आदेश का उल्लंघन कर बल्लभपुर की तरफ से आधे से ज्यादा नदी पर कंपनी ने बांध बना दिया है एवं बालू निकल रहा है। बालू निकालने की वजह से जहां-तहां गड्ढे हो गए हैं। यह एक पिकनिक स्पॉट है इसके अलावा यहां इलाके के लोग स्नान करने आते हैं। नदी में अवैध रूप से बालू खनन की वजह से कई जगहों पर गड्ढे हो गए है जिस कारण स्नान करने वालों की डूबने की आशंका बनी रहती है और वह आशंका का सच साबित हो गई। बुधवार को बांकुड़ा जिले मेज़िया स्थित नदी में बल्लभपुर की ओर से दामोदर नदी में नहाने के दौरान कुनुस्तोड़िया कॉलोनी के निवासी ईसीएल कर्मी अभिजीत मंडल (30) एक युवक डूब गया था। जिसका शव 48 घंटे के पश्चात मेज़िया एवं रानीगंज पुलिस की मौजूदगी में शुक्रवार की सुबह बचाव दल द्वारा निकाला गया। अभिजीत मंडल अपने चार दोस्तों के साथ नहाने के लिए दामोदर नदी आए हुए थे। सभी मिलकर नदी में नहाने उतरे लेकिन नहाने के दौरान ही अभिजीत मंडल नदी में डूब गया। जानकारी पाकर रानीगंज बल्लभपुर फाड़ी की पुलिस और मेजिया पुलिस मौके पर पहुंच कर अभिजीत मंडल को निकालने की कोशिश शुरू की गई। आखिरकार 2 दिन के पश्चात बचाव दल द्वारा अभिजीत मंडल का शव निकाला गया। सूत्रों का कहना है कि अवैध रूप से बालू निकासी के कारण नदी के कई जगहों पर गड्ढे हो गए हैं। जिसकी वजह से अभिजीत मंडल की मौत हुई। केके मिनरल्स कंपनी जिस तरह से दामोदर नदी के मेजिया घाट से बड़ी-बड़ी जेसीबी एवं पोकलेन मशीनों द्वारा नदी पर बांध बनाकर बालू निकाल रही है वह दिन दूर नहीं जब यहां जगह-जगह गड्ढे होंगे एवं जब तब लोग नहाने के दौरान डूबेंगे क्योंकि यह जगह पिकनिक स्पॉट है एवं यहां इलाके का सबसे बड़ा शमशान घाट भी है यहां प्रतिदिन चार-पांच शव जलाए जाते हैं। इसके अलावा यह एक दर्शनीय स्थल भी है यहां काली मंदिर में लोग पूजा करने भी आते हैं एवं नदी में स्नान भी करते हैं। बावजूद इस दर्शनीय स्थल से लगातार बालू निकाला जा रहा है। प्रशासन इस पर आंख मूंदे हुए है या ऐसा कहें कि पैसे की बंदर बांट ने उनके आंखों पर काली पट्टी बांध रखी है। बल्लभपुर श्मशान घाट के पास जहां बालू को वजन किया जाता है वहां से पैसे की बंदर बांट होती है। जहां से भी इस अवैध कार्य में बाधा उत्पन्न होने की आशंका रहती है उन सभी तबकों तक पैसा पहुंचता है चाहे वह सत्ता पक्ष हो या विपक्ष। सूत्रों की माने तो एक विशेष विभाग को भी यहां से मोटी रकम दी जाती है. इसके अलावे यहां की खबरों को दबाने के लिए एक सिंडिकेट भी काम करता है, जो यह तय करता है कि किसे कितना पैसा देना है.