पश्चिम बंगाल के विश्वविद्यालयों में संकट प्रबंधन प्रकोष्ठ बनेंगे, कैंपस विवादों से निपटने की तैयारी

 

कोलकाता, 8 मार्च  । पश्चिम बंगाल के विश्वविद्यालयों में किसी भी तरह के आपातकालीन हालात की निगरानी और समाधान के लिए एक अलग प्रकोष्ठ बनेगा। यह जानकारी शनिवार को राजभवन से जुड़े एक अधिकारी ने दी है।
अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को राज्य के विभिन्न सरकारी विश्वविद्यालयों के कार्यवाहक कुलपतियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक जादवपुर विश्वविद्यालय में हुई हिंसा की पृष्ठभूमि में आयोजित की गई, जिसमें निर्णय लिया गया कि कैंपस में संभावित विवादों की निगरानी और समाधान के लिए संकट प्रबंधन प्रकोष्ठ (क्राइसिस मैनेजमेंट सेल) स्थापित किए जाएंगे।
बैठक में 18 विश्वविद्यालयों के कार्यवाहक कुलपति शामिल हुए जो एक घंटे से अधिक समय तक चली। बैठक में विश्वविद्यालयों के संचालन और हालिया घटनाओं पर चर्चा की गई। बैठक में अनुशंसा की गई कि विश्वविद्यालयों में पहले से मौजूद निगरानी प्रकोष्ठ, परामर्श प्रकोष्ठ और अनुशासन समितियों को प्रभावी रूप से सक्रिय किया जाए। इसके अलावा, संक्षिप्त अवधि में संकट प्रबंधन प्रकोष्ठ स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जो हिंसक घटनाओं पर तत्काल प्रतिक्रिया देने के लिए समर्पित टीमों के साथ कार्य करेगा।

इसके तहत, विश्वविद्यालय परिसरों में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती भी बढ़ाई जाएगी। दीर्घकालिक योजना के रूप में, विवाद समाधान तंत्र और मध्यस्थता प्रक्रियाओं को विकसित करने पर भी सहमति बनी, जिससे छात्रों और शिक्षकों के बीच मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके।
बैठक में मानसिक स्वास्थ्य सहायता सेवाओं के विकास पर भी चर्चा हुई, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। साथ ही, आपातकालीन सूचनाओं के लिए एक मोबाइल ऐप विकसित करने का निर्णय लिया गया, जिससे किसी भी आपात स्थिति, खतरे या सुरक्षा चिंता की जानकारी छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को तुरंत मिल सके।

इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की निगरानी करने की योजना बनाई गई, जिससे संभावित खतरों की पहचान की जा सके। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सरकारी विभागों के बीच बेहतर समन्वय पर जोर दिया, ताकि किसी भी स्थिति से समय पर निपटा जा सके।

यह बैठक 1 मार्च को जादवपुर विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के बाद आयोजित की गई, जब राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। उस दौरान, लंबे समय से लंबित छात्र संघ चुनाव की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसी बीच, बसु के काफिले की एक गाड़ी कथित तौर पर दो छात्रों से टकरा गई, जिससे वे घायल हो गए। हालांकि, बसु ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने उनकी कार पर हमला कर दिया और कार की विंडशील्ड तोड़ने की कोशिश की, जिससे उन्हें भी चोट लगी।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन ने शैक्षणिक परिसरों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने का फैसला किया। बैठक में जादवपुर विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति भास्कर गुप्ता शामिल नहीं हो सके, क्योंकि वे अस्वस्थ होने के कारण अस्पताल में भर्ती हैं।

 

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