कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया है। सात दिनों तक चलने वाले इस सत्र के पहले दिन शुक्रवार को दिवंगत मशहूर गायक केके सहित अन्य दिग्गज हस्तियों को श्रद्धांजलि देने के बाद मुल्तवी कर दिया गया है। अध्यक्ष विमान बनर्जी ने इन हस्तियों को श्रद्धांजलि दी और उनके जीवन और कार्यों का विवरण पाठ किया।
खास बात यह है कि भाजपा विधायकों ने विधानसभा सत्र में हिस्सा नहीं लिया। इसके पहले सदन के बजट सत्र के दौरान तृणमूल और भाजपा विधायकों में हाथापाई के बाद अध्यक्ष विमान बनर्जी ने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी सहित भाजपा के पांच विधायकों को पूरे साल के लिए निलंबित कर दिया था। इसी के खिलाफ भाजपा विधायकों ने निलंबन वापस होने तक सदन के बहिष्कार की घोषणा पहले ही कर दी थी। गत 28 फरवरी को बजट सत्र के आखिरी दिन हाथापाई के बाद सस्पेंडेड विधायकों में ही शामिल भाजपा के विधानसभा में मुख्य सचेतक मनोज टिग्गा ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा विधायकों को जिस तरह से निलंबित किया गया है वह अनैतिक और असंवैधानिक है। इसलिए हमने आज मानसून सत्र की शुरुआत का भी बहिष्कार करने का फैसला लिया है। यह लोकतांत्रिक और संवैधानिक मानदंड के अनुरूप है।
दूसरी ओर संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि मैंने विपक्ष से सदन में आने की अपील की लेकिन उन्होंने बहिष्कार करने का फैसला किया है। यह अजीब है। हम भी विपक्ष में रहे हैं लेकिन इस तरह का व्यवहार कभी नहीं किया।
कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराएगी सरकार
– मानसून सत्र 17 जून तक चलने वाला है। इस दौरान शिक्षा विभाग के कई विधेयक पेश किए जाने की संभावना है जिसमें राज्यपाल जगदीप धनखड़ की जगह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य द्वारा संचालित सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में नियुक्त करने का विधेयक भी पारित कराया जाएगा। खबर है कि सोमवार या मंगलवार को राज्य सरकार यह विधेयक पेश कर सकती है। इसके अलावा राज्य के निजी विश्वविद्यालयों के विजिटर (पर्यवेक्षक) के रूप में भी राज्यपाल को हटाकर उनकी जगह शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को नियुक्त करने के लिए संशोधित विधेयक भी सत्र के दौरान पेश किए जाने की उम्मीद है।
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए इन दोनों फैसलों के खिलाफ भाजपा विधायक सदन के बाहर नकली विधान सभा का आयोजन कर सांकेतिक विरोध जताएंगे।