पूरे दमखम के साथ पंचायत चुनाव के लिए उतरेगी भाजपा, केंद्रीय नेतृत्व है साथ : दिलीप

 

कोलकाता । भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने गुरुवार को दावा किया है कि राज्य में आसन्न पंचायत चुनाव के दौरान प्रदेश भाजपा पूरे दमखम के साथ उतरेगी और अच्छा प्रदर्शन करेगी। न्यू टाउन इको पार्क में मॉर्निंग वॉक करने पहुंचे दिलीप घोष ने कहा कि पिछले साल संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी कार्यकर्ता करीब साल भर शांत और से सिथिल रहे हैं। लेकिन आसन्न पंचायत चुनाव में हम एक बार फिर पूरे दमखम के साथ उतरने जा रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बंगाल आए हैं और उन्होंने यही कहा है कि केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश भाजपा के साथ मजबूती से खड़ा है।
उन्होंने पश्चिम बंगाल की बिगड़ती कानून व्यवस्था और भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की है।
उत्तर बंगाल की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए दिलीप घोष ने कहा है कि हमेशा से उत्तर बंगाल को उपेक्षित किया गया है। लंबी लड़ाई के बाद उत्तर बंगाल में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई लेकिन वहां भी इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त नहीं है। चिकित्सा के लिए लोग लंबा सफर कर कोलकाता आते हैं। सिलीगुड़ी में राज्य सरकार की सड़कें खस्ताहाल हैं और टूटी फूटी हैं। शिक्षा व्यवस्था भी बदहाल है। 30 सालों पहले वाममोर्चा के शासन के दौरान दिवंगत कांग्रेस नेता प्रियरंजन दास मुंशी ने उत्तर बंगाल को पृथक राज्य बनाने की मांग की थी। जरूरी है कि उत्तर बंगाल में रहने वाले लोगों के अधिकार और सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
भवानीपुर थाना अंतर्गत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास से कुछ दूरी पर गुजराती दंपत्ति की निर्मम हत्या को लेकर एक बार फिर उन्होंने राज्य प्रशासन पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि बंगाल पुलिस को ममता सरकार ने पंगु कर दिया है इसलिए लोगों का भरोसा प्रशासन पर से उठ गया है। वहां सीसीटीवी है लेकिन काम नहीं करता, पुलिस है लेकिन काम नहीं करती, सरकार है लेकिन काम नहीं करती, मंत्री हैं लेकिन काम ही नहीं करते।
विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी द्वारा मुकुल रॉय की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की याचिका खारिज करने और उनके भाजपा में ही होने संबंधी दावे पर भी घोष ने कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष भले ही संवैधानिक पद पर हैं लेकिन वह अपने आप को तृणमूल नेता के दायरे से बाहर नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे नेताओं की ही वजह से लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर से लोगों का भरोसा उठ गया है।
यूट्यूबर रोदुर रॉय की गिरफ्तारी को लेकर भी एक बार फिर उन्होंने सवाल खड़ा किया और कहा कि लोगों के पास रोजगार नहीं है तो उनसे बातचीत कर समस्या का समाधान किया जाना चाहिए। प्रशासनिक चाबुक चलाना ज्यादती है।

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