कोलकाता, 05 फरवरी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन खिदिरपुर शाखा की ओर से विश्व कैंसर दिवस आई एम ए खिदिरपुर सेमिनार हाॅल में उपस्थित डाॅ सिद्धार्थ मुखर्जी ने कहा कि भोजन और जीवन शैली में परिवर्तन लाकर व्यक्ति कैंसर की सम्भावना को 30-40 प्रतिशत कम कर सकता है। शरीर में वसा का अधिक हो जाना भी कैंसर का एक कारण है क्योंकि वसा के ऊतक एस्ट्रोजन और इंसुलिन पैदा करते हैं, जो ट्यूमर के बढ़ने का कारण बनता है।प्रोफेसर डाॅ अनूप मजूमदार ने कहा कि अधिक तैलीय व वसायुक्त भोजन का सेवन न करें क्योंकि ये लिवर स्तन कोलोन और सेवन कर भी रहें तो केवल असंतृपत वसा का सेवन ही करें। प्रोफेसर डाॅ सुपणा घोष ने कहा कि धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन भी न करें। धूम्रपान फेफडों व मुँह के कैंसर का मुख्य कारण है। डाॅ विजय नारायण झा ने कहा कि अल्कोहल का अधिक सेवन बड़ी आंत जिगर व पैनकिरियास के कैंसर की सम्भावना को बढ़ाता है।नियमित व्यायाम स्तन कैंसर व बड़ी आंत के कैंसर की सम्भावना को कम करता है। डाॅ मीनू कुमारी ने कहा कि फलों व सब्जियों का सेवन अधिक करें क्योंकि इनमें ऐसे तत्व पाये जाते हैं जो कैंसर से सुरक्षा प्रदान करते है। खिदिरपुर आई एम ए अध्यक्ष डॉ एम एन हक ने कहा कि कैंसर पूरे देश में बढ़ता जा रहा है। इसलिए लोगों को कैंसर के संभावित करणों के प्रति जागरूक करने प्राथमिक स्तर पर कैंसर की पहचान करने और शीघ्र निदान तथा रोकथाम के प्रति जागरूकता फैलाने के उदेश्य से पूरे देश में प्रतिवर्ष कैंसर दिवस मनाया जाता है।डाॅ शकील अख्तर ने कहा कि भारत में कैंसर के निरन्तर बढ़ रहे मामले स्वास्थ्य ढांचे के लिए गम्भीर चुनौती है। प्रत्येक वर्ष एक करोड़ से भी ज्यादा कैंसर के नये मामले सामने आते है। आई एम ए खिदिरपुर शाखा सचिव डॉ संजय कुमार गुप्ता ने कहा कि हमें मरीजों को बेहतर मानसिक और भावनात्मक समर्थन देने की दिशा में आगे बढ़ रहे है।