सत्संग भवन सनातन धर्म, अध्यात्म, संस्कृति का त्रिवेणी संगम है

कोलकाता । ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानंद जी महाराज की निर्वाण तिथि के अवसर पर सत्संग भवन में धार्मिक कार्यक्रम भक्ति भाव से सम्पन्न हुए । वर्तमान निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती महाराज, भागवताचार्य स्वामी त्रिभुवन पुरी महाराज, आचार्य श्री श्रीकान्त शास्त्री, कथाकार धर्मेशानंद महाराज, संजय ब्रह्मचारी ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा आचार्य देवो भव परम्परा में आद्य शंकराचार्य एवं महामंडलेश्वर परम्परा में स्वामी कृष्णानंद जी महाराज का दिव्य जीवन प्रेरक है । ऐसे महापुरुष स्थितप्रज्ञ होते हैं । स्वामी कृष्णानंद जी शरीर से हमारे बीच नहीं है लेकिन उनका आशीर्वाद एवम प्रेरक मार्गदर्शन सत्संग भवन की सांस्कृतिक विरासत है । सत्संग भवन सनातन धर्म, अध्यात्म, संस्कृति का त्रिवेणी संगम है । सत्संग भवन के संस्थापक ब्रह्मलीन कृष्णानंद जी ने वेदान्त को सुलभ बना कर सनातन धर्म का प्रचार एवम प्रवचन से श्रद्धालु भक्तों का मार्गदर्शन किया । जीवन में सफलता के लिये ईश्वर की कृपा एवं महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा जरूरी है । सत्संग भवन के ट्रस्टी पंडित लक्ष्मीकान्त तिवारी, दीपक मिश्रा, श्याम सुन्दर धानुका, सत्यनारायण भट्टड़, मुकेश शर्मा, प्रदीप आसोपा, समाजसेवी शंकरलाल तिवारी, संजय उपाध्याय, प्रेमचन्द झा, भोला प्रसाद सोनकर, पवन अग्रवाल, गुड्डन सिंह, सुनील दीक्षित, अशोक शुक्ला, संगम पांडेय, अशोक तिवारी, देवेन्द्र बाजपेई, राजू शर्मा, अभय पांडेय एवं कार्यकर्ताओं ने साधु-महात्माओं एवं श्रद्धालु भक्तों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया ।

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