स्वर्ण शिल्पियों एवम् आभूषण निर्माता व्यापारियों पर संकट के बादल

कोलकाता । स्वर्ण को निवेश के रूप में आत्यधिक महत्व दिया जाता है और भारत में प्रत्येक परिवार अपनी सम्पत्ति का कुछ हिस्सा आभूषणों के अलावा सोने के सिक्कों या स्वर्ण के रूप में रखता है । महंगाई दर या माल और सेवाओं की कीमत में वृद्धि सोने की कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है । मुद्रास्फीति के उच्च स्तर का परिणाम आम तौर पर सोने की कीमतों का अधिक होना होता है क्योंकि इससे मुद्रा का मूल्य गिरने लगता है । आभूषण निर्माता और स्वर्ण का उपयोग करने वाले व्यापारी बाजार मूल्य में प्रतिकूल परिवर्तनों से सुरक्षा के लिए वायदा बाजार में भी प्रवेश करते हैं । जो ग्राहक सोने में निवेश करना चाहते हैं और इसे बार और सिक्कों के रूप में रखना चाहते हैं, वे वायदा बाजार के माध्यम से ऐसा कर सकते हैं । सभी आकार के निवेशक कीमतों में उतार-चढ़ाव का अनुमान लगाने या अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए सोने का व्यापार करते हैं । केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार के हिस्से के रूप में, देश की मुद्रा के लिए स्थिरता के भंडार के रूप में स्वर्ण भंडार का उपयोग करते हैं । स्वर्ण को व्यापक रूप से सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है, और राजनीतिक अशांति, व्यापार संघर्ष और प्राकृतिक आपदाओं जैसी वैश्विक चिंताओं के समय में कीमतें बढ़ जाती हैं, क्योंकि निवेशक स्वर्ण में निवेश करते हैं । सीमा शुल्क में बढ़ोतरी और जीएसटी के कारण सोने की कीमत बढ़ती जा रही है । आयात शुल्क, जीएसटी के साथ स्वर्ण पर तकरीबन 6 प्रतिशत कर लगता है । स्वर्ण शिल्पियों के रोजगार पर संकट के बादल मंडराते जा रहें हैं, साथ ही स्वर्ण आभूषण निर्माता – विक्रेता, छोटे व्यापारियों को पश्चिम बंगाल में कस्टम अधिकारी परेशान कर रहे हैं । स्वर्णशिल्पी ने बताया ज्वैलरी शोरूम से आभूषण बनाने के लिये मिले स्वर्ण के साथ रास्ते में कस्टम अधिकारी पकड़ते हैं । ज्वेलर द्वारा दिये गये चालान को दिखाने पर पुष्टि करने के बहाने स्वर्ण जब्त करने तथा स्वर्ण शिल्पी को अरेस्ट करने की धमकी देते हैं । इस तरह की घटनाओं में कुछ कस्टम अधिकारी 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत स्वर्ण या मूल्य में सेटलमेंट करते हैं, जिससे ज्वेलर को स्वर्ण या आभूषण नहीं लौटाने की स्थिति में स्वर्णशिल्पी बरबाद हो जाता है । इस तरह की घटनाएं अन्य शहरों से आने वाले छोटे व्यापारियों के साथ भी हो रही है । स्वर्ण आभूषण खरीद करने आये व्यापारियों को धनराशि एवम स्वर्ण के साथ रास्ते में पकड़ कर अरेस्ट करने की धमकी देकर 25 से 50 प्रतिशत में सेटलमेंट किया जाता है । स्वर्णशिल्पियो तथा छोटे व्यापारियों ने कस्टम विभाग से कस्टम अधिकारियों का पोर्टल तैयार करने की मांग की है । ब्लैंक समन लेकर घूमने वाले कस्टम अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है । आभूषण व्यापारियों ने कहा हम जी एस टी तथा हॉलमार्किंग एवम सरकारी नियमों का पालन कर रहे हैं । स्वर्ण शिल्पियों तथा छोटे व्यापारियों के साथ स्मगलर या हवाला व्यापारी की जैसा बर्ताव नहीं करें, इससे पश्चिम बंगाल में स्वर्णशिल्प व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा । ज्वैलर्स तथा स्वर्ण शिल्पियों के संगठनों ने कई बार कस्टम विभाग तथा पुलिस – प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन देकर स्वर्ण एवम आभूषण व्यापार की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया है । सिंथी मोड़, बऊबाजार, बड़ाबाजार एवम कोलकाता के स्वर्ण शिल्पियों तथा व्यापारियों की समस्या का शीघ्र समाधान नहीं होने पर रोजगार की समस्या के साथ स्वर्ण आभूषण व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की सम्भावना है ।

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