कोलकाता । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल में मौजूदगी के दौरान भाजपा युवा मोर्चा (भाजयुमो) की कोलकाता इकाई के उपाध्यक्ष अर्जुन चौरसिया की कथित हत्या के मामले में कोलकाता पुलिस मुख्यालय ने चुप्पी साध ली है। यहां तक कि शुक्रवार को उत्तर बंगाल से महानगर में पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सीधे चौरसिया के घर गए और उनके परिवार से मुलाकात की। बाद में मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों ने भाजपा नेता के परिवार से मारपीट की ओर और जबरदस्ती शव छीन कर ले गए। यह घटना पूरे देश में दिनभर सुर्खियों में बनी रही लेकिन कोलकाता पुलिस मुख्यालय लाल बाजार की ओर से इस मामले में लिखित में कोई बयान जारी नहीं किया गया।
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प्रतिदिन इंसीडेंट रिपोर्ट जारी करती है पुलिस
– अमूमन ऐसा होता है कि प्रतिदिन शाम के समय पुलिस मुख्यालय से पूरे कोलकाता महानगर में हुई घटना दुर्घटनाओं की संक्षिप्त रिपोर्ट जारी की जाती है। इसमें अस्वाभाविक मौत के मामलों के बारे में भी जानकारी दी जाती है। पुलिस की रिपोर्ट में मृतक का नाम, पता, संभावित उम्र और घटना के बारे में एक छोटा विवरण जरूर दिया जाता है। लेकिन शुक्रवार को इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद पुलिस की इंसीडेंट रिपोर्ट में इसका कोई जिक्र नहीं था। यहां तक कि पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में काशीपुर घटना की संक्षिप्त जानकारी देने के लिए बार-बार सवाल पूछे गए लेकिन अधिकारियों ने उसे देखकर भी अनदेखी की। यानी कुल मिलाकर कहा जाए तो मृतक के परिवार से मारपीट और जबरदस्ती शव ले जाने संबंधी गृह मंत्री जैसे देश के अहम शख्सियत के आरोपों के बावजूद कोलकाता पुलिस की ढिठाई इतनी थी कि घटना के बारे में एक शब्द लिखित में नहीं बोला।
संवैधानिक नियमों के मुताबिक किसी भी बड़ी घटना दुर्घटना के बारे में मीडिया से संवाद की रीति रही है ताकि आम लोगों तक घटना के बारे में राज्य सरकार अथवा प्रशासन के पक्ष को पहुंचाया जा सके। सुबह के समय अर्जुन चौरसिया का शव काशीपुर थाना क्षेत्र में बरामद किया गया लेकिन देर रात 8:00 बजे तक कोलकाता पुलिस मुख्यालय की ओर से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है जो पुलिस की भूमिका और कार्यशैली पर सवाल खड़ा करने वाला है