श्रीमद् देवी भागवत महापुराण में आद्य शक्ति भगवती देवी की आराधना, गुण, शक्ति के दर्शन — अनन्त बोध चैतन्य महाराज

कोलकाता । लिथुआनिया से पधारे अनन्त बोध चैतन्य महाराज ने ब्रह्ममयी काली मन्दिर, नोआपाड़ा में पूजा – अर्चना कर महामंडलेश्वर परमात्मानंद महाराज से सनातन हिन्दू धर्म पर विचार – विमर्श किया । सत्संग भवन में अनन्त बोध चैतन्य महाराज के श्रीमुख से श्रीमद् देवी भागवत श्रवण कर श्रोता भाव विभोर हो गये । उन्होंने कहा नवरात्र में 9 दिन तक श्रीमद् देवी भागवत पुराण का श्रवण- अनुष्ठान करने पर श्रद्धालु भक्त पुण्य अर्जित करते हैं, इसे नवाह्न पारायण कथा ज्ञान यज्ञ भी कहा गया है । व्यास पीठ से अनन्त बोध चैतन्य महाराज ने कहा भागवत कथा का मूल मंत्र सदाचार है। जो इसे अपना लेता है, समाज उसे सम्मानित करता है । ऐसे भक्त से भगवान भी प्रेम करते हैं । भागवत कथा में भक्ति योग, ज्ञानयोग, कर्मयोग, वैराग्य, समाजधर्म, नारीधर्म, राजनीति के ज्ञान का समावेश है । श्रीमद्भागवत महापुराण में भगवान श्री कृष्ण की महिमा का वर्णन है और श्रीमद् देवी भागवत महापुराण में आद्य शक्ति भगवती देवी की आराधना, गुण, शक्ति के दर्शन की व्याख्या है । समाजसेवी रामलाल तिवारी एवम श्रद्धालु भक्तों ने व्यास पीठ का पूजन किया । मुकेश शर्मा, अशोक सहल, बुलाकी दास मिमानी, पण्डित जय प्रकाश पाण्डेय, शंकर शास्त्री, राजू शर्मा, अभय पाण्डेय एवम श्रद्धालु भक्त सक्रिय हैं । सत्संग भवन के ट्रस्टी पण्डित लक्ष्मीकांत तिवारी, दीपक मिश्रा ने कथा श्रवण कर पुण्य अर्जित करने का निवेदन किया ।

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