‘स्व.श्री बद्री विशाल नागोरी की पुण्यतिथि पर गीता प्रवचन एवं सम्मान समारोह’
कोलकाता। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री रामगोपाल सोहिनी देवी नागोरी चैरीटेबल ट्रस्ट, श्री डीडवाना नागरिक सभा एवं कोलकाता प्रादेशिक माहेश्वरी सभा के संयुक्त तत्वावधान में श्रद्धेय स्व. श्री बद्री विशाल नागोरी की 22वीं पुण्य तिथि पर वार्षिक व्याख्यानमाला का आयोजन स्थानीय भारतीय भाषा परिषद सभागार में किया गया।
तिवाड़ी जी ने अपने सारगर्भित प्रवचन द्वारा उपस्थित धर्मानुरागियों का मार्गदर्शन किया। भक्तियोग पर प्रवचन करते हुए आपने बताया कि श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान ने अर्जुन को माध्यम बनाकर जो उपदेश दिया है उसका उद्देश्य मनुष्य मात्र को कल्याण का साधन प्रदान करना है और उसके लिए भक्तियोग को सरलतम और श्रेष्ठ मार्ग बताते हुए अनेको बार इसका उल्लेख किया है।
भगवान नें बारहवें अध्याय में भक्तियोग व उत्तम भक्त के लक्षणों का विस्तार से वर्णन किया है जिन पर अमल करके मनुष्य परमात्मा का प्रिय हो सकता है और अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में श्री डीडवाना नागरिक सभा के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक अरुण प्रकाश मल्लावत ने स्वागत भाषण दिया। डॉ• श्रीबल्लभ नागोरी एवं रमेश शारदा ने व्यासपीठ पर विराजमान हरीश जी तिवाड़ी का माल्यार्पण कर स्वागत किया। डॉ• सी• एस• श्रीमती ममता बिनानी का अंगवस्त्र प्रदान कर स्वागत किया हीरामनी नागोरी ने, सम्मान पत्र वाचन किया मंजू शारदा ने एवं अंगवस्त्र प्रदान किया सरिता नागोरी ने। सुविख्यात अर्थिक सलाहाकार श्री सज्जन कुमार तुलस्यान का माल्यार्पण कर स्वागत किया श्रीबल्लभ भूतडा ने। गीता के 12 वें अध्याय भक्ति योग का वाचन किया ध्रुव एवं ध्वनी नागोरी ने। मधु माहेश्वरी ने अपने पिताजी पर वक्तव्य रखा।
कार्यक्रम में भागीरथ चांडक, महावीर बजाज, बंशीधर शर्मा, नंद कुमार लढा, दीनदयाल जाजू , मुरली मनोहर, किशन गोपाल मानधना, मदनलाल लाहोटी, अरुण गगङ, बिनोद भराड़िया, बेनीगोपाल मूँदड़ा, राकेश मोहता, गणेश बागङी, श्याम सुंदर बागरी, मनोहर अग्रवाल, रमेश भैया, ओम प्रकाश बांगङ, देवेन्द्र बांगङ, श्री राम मूँदड़ा, प्रवीण गगड़, मनोज सोदानी, राजीव केजरीवाल, महेश कानूनगो, ओ.पी. जोपत, सुनील प्रवीण लोहिया, बेणीगोपाल पसारी आदि उपस्थित थे।
व्यवस्था में मनोज काकड़ा व मनीष मंत्री तथा नागोरी परिवार से नरेश, किशन, कुलदीप, सूरज, राहुल, ऋषभ आदि सक्रिय रहे।