सर्वदलीय बैठक में उठी मांग, विपक्ष का हो लोकसभा उपाध्यक्ष, बिहार-आंध्र-ओडिशा काे दिया जाए विशेष दर्जा

All Party Meeting

नई दिल्ली, 21 जुलाई । संसद का सत्र कल से शुरू होने जा रहा है। इसमें मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। संसद सत्र से पहले हर बार की तरह आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न दलों के नेताओं ने भाग लिया और अपनी मांगें रखीं। कांग्रेस ने बैठक में विपक्ष को लोकसभा में उपाध्यक्ष पद दिए जाने के साथ नीट और अन्य राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे उठाए। वहीं कुछ क्षेत्रीय दलों ने अपने राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग की।

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू, कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और विपक्षी दलों के अन्य वरिष्ठ नेता बैठक में शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने बैठक में लोकसभा के उपाध्यक्ष का मुद्दा उठाया। पार्टी ने मांग की कि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए।

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने लम्बी चली सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 44 पार्टियों का बैठक में प्रतिनिधित्व रहा। इन पार्टियों के 55 नेताओं ने भाग लिया। बैठक में विस्तार से सभी पार्टियों का मत जानने के साथ उनके सुझाव लिए गए। सभी से मिलकर बजट सत्र को सुचारु तरीके से चलाने की अपील की गई। उन्होंने कहा कि संसद को सुचारु तरीके से चलाने की जिम्मेदारी सरकार सहित विपक्ष की भी है। उन्हाेंने बताया कि विपक्ष और अन्य पार्टियों ने बहुत से विषयों पर अपनी मांग रखी। लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति से चर्चा कर इन विषयों को समाहित करने के लिए कार्य मंत्रणा समिति में इन पर विचार किया जाएगा।

रिजिजू ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक में अपील की कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए हम सभी प्रतिबद्ध हैं। वे सभी से अपील करते हैं कि संसद की कार्यवाही के दौरान नेताओं को अपनी बात रखते समय डिस्टर्ब नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के धन्यवाद प्रस्ताव पर दिए गए जवाब में लोकसभा और राज्यसभा में पैदा किए गए व्यवधान हमारी संदीय परंपरा के लिए ठीक नहीं है। देश और संसद को सदन के नेता को सुनना चाहिए।

बैठक के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर कहा कि बैठक में बिहार और ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का मुद्दा उठा। जदयू नेता ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। वाईएसआरसीपी नेता ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। हैरानी की बात यह रही कि तेलगुदेशम पार्टी नेता इस मामले पर चुप रहे।

कांग्रेस नेता रमेश ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में मांग रखी गई कि 24 विभाग-संबंधित स्थायी समितियों का गठन हो और उन्हें उचित महत्व दिया जाए। सलाहकार समितियों को पुनर्जीवित किया जाए जहां सांसद संबंधित मंत्रियों के साथ बातचीत कर सकें। इसके अलावा मांग रखी गई कि सेंट्रल हॉल को एक बार फिर से सांसदों के लिए खोला जाना चाहिए ताकि वे एक-दूसरे के साथ मिल सकें और पार्टियों के बीच संचार में सुधार कर सकें। संसद के नए भवन के उद्घाटन के बाद ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल दुर्भाग्य से अनुपयोगी हो गया है।

इसके साथ ही सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस की ओर से विपक्ष को उपाध्यक्ष का पद दिए जाने की मांग की गई। इसके अलावा पार्टी ने नीट मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की।

बीजू जनता दल नेता सस्मित पात्रा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ओडिशा को दो दशकों से ज्यादा समय से विशेष दर्जे से महरूम रखा गया है। बीजद ने इसकी मांग की है। साथ ही पार्टी इस तरह की मांग कर रहे अन्य राज्यों के साथ एकजुट है। ऐसी ही मांग वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने भी आंध्र प्रदेश के लिए रखी। इसके अलावा जदयू ने भी बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की।

आप पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया और उन्होंने कहा कि इसकी सबसे ज्यादा भुगतभोगी आम आदमी पार्टी है। पीएमएलए को दी गई दानवी ताकत वापस ली जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली इतना ज्यादा टैक्स देती है लेकिन दिल्ली को 325 करोड़ ज्यादा नहीं मिलता।

एआईएमआईएम नेता असद्दुदीन औवेसी ने बताया कि बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार के नाम जाहिर करने के ऑर्डर का मुद्दा उठाया गया। यह अंसवैधानिक निर्णय वापस लिया जाना चाहिए। इसके अलावा फिलिस्तीन का फ्लैग उठाने वालों के खिलाफ केस किए जाने का भी मुद्दा उठाया गया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?