रानीगंज। भारत की कोलियरी मजदूर सभा (सीटू) द्वारा शुक्रवार को रानीगंज के कोयला भवन में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान सीटू नेता सह पूर्व सांसद बंशगोपाल चौधरी ने समदाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ईसीएल के सोनपुर बाजारी एरिया के विस्तार के दरमियान भू माफिया काफी सक्रिय हो गए हैं। यह भी एक बड़ा भ्रष्टाचार है जिसे रोकने की जरूरत है। वास्तव में जो इस अंचल के लोग हैं उनका हक है। जमीन के जो मालिक हैं वह अपने अधिकार से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस में बीरभूम एवं बर्दवान जिला के कई इस राज्य के सरकार के नुमाइंदे है। जो इस भर्ष्टाचार में लिप्त है। सार्वजनिक तौर पर केंद्रीय कोयला मंत्री मंत्रालय को पत्र दिया है और आगामी ऐसे भर्ष्टाचार को लेकर 19 फरवरी को ईसीएल के मुख्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया जाएगा। सोनपुर बाजरी खान विस्तार और पुनर्वास पैकेज का मुआवजा में व्यापक रुप से भ्रष्टाचार सामने आई है।
ईसीएल की सोनपुर बाजारी परियोजना में मतदाता सूची के प्रारूप के प्रकाशन के बाद एक गंभीर विसंगति है। सोनपुर बाजारी क्षेत्र (जीआर IV) से कोयले की मांग। इसकी गुणवत्ता के कारण यह बहुत अधिक है। इस वर्ष कोयले का उत्पादन लक्ष्य भी अधिक है। इस क्षेत्र से कोयले की आपूर्ति मुख्य रूप से एनटीपीसी और पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड को की जाती है। इस परियोजना के विस्तार की बहुत आवश्यकता है क्योंकि इसे प्रति वर्ष 12 मिलियन टन कोयले की मंजूरी मिली है। विस्तार हेतु 2834.31 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। शेष 1847 हेक्टेयर भूमि के लिए प्रक्रियाधीन है। ईसीएल सूत्र के अनुसार, सोनपुर बाजारी परियोजना भटमुरा, मधुडांगा, सोनपुर बाजारी गांव का अधिग्रहण करेगी। ईसीएल सूत्र के अनुसार भटमुरा और मधुडांगा का सर्वेक्षण कार्य पहले ही पूरा हो चुका है। 2025 तक अन्य दस गांवों के अधिग्रहण और पुनर्वास की प्रक्रिया चल रही होगी। पुनर्वास परियोजना में स्कूल भवन, जलापूर्ति आदि शामिल है। पुनर्वास परियोजना के लिए ग्राम समिति का गठन किया गया है। बेदखल परिवार के लिए कुल 12 लाख 50 हजार रुपये की घोषणा की गयी है। परियोजना प्रभावित लोगों के नाम को अंतिम रूप देने के लिए प्रत्येक बेदखल परिवार के लिए मतदाता पहचान पत्र आदि अनिवार्य है। इसमें स्थानीय ग्राम पंचायत सदस्य, प्रधान और बीडीओ की संलिप्तता है।लेकिन मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन के बाद अब तक जो जानकारी पहुंची है, उसमें जो नाम आये हैं, वह नियमानुसार उचित नहीं है। इसमें आने को फर्जी नाम सम्मिलित की गई है। ऐसे नाम आसनसोल निगम क्षेत्र और बीरभूम जिले से शामिल हैं। सच तो यह है कि इसके लिए उच्च स्तरीय जांच की जय ।दूसरी और उन्होंने
कहा कि एक तरफ जहां ईसीएल आत्म रक्षा के लिए संघर्ष कर रही है। मुनाफा के लिए इनके कर्मी कठिन परिश्रम कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इस सोनपुर बाजारी परियोजना से करोड़ों रुपये का दुरुपयोग हो सकता है। इस पर जांच होनी चाहिए । अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम लोग इनके खिलाफ आंदोलन में उतरने को बाध्य होंगे।