अभिषेक बनर्जी के निर्देश पर हुई त्वरित कार्रवाई, बिजली मंत्री ने बुलाई आपात बैठक

कोलकाता, 16 मार्च । उत्तर बंगाल के कई जिलों में बुधवार रात प्राकृतिक आपदा के कारण बिजली गुल रही। समस्या के समाधान के लिए स्थानीय निवासियों ने ”एक डाके अभिषेक” हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर अपनी विवश स्थिति के बारे में बताया। तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक ने खबर सुनने के बाद बिजली मंत्री अरूप विश्वास को फोन कर त्वरित कार्रवाई करने को कहा। उसके बाद बिजली मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को स्थिति सामान्य करने का आदेश दिया।

बुधवार रात के बाद गुरुवार को फिर मंत्री ने विद्युत भवन में आपात बैठक की। बैठक में बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुरेश कुमार, पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण निगम के अध्यक्ष शांतनु बसु और बिजली विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री अरूप ने दूर-दराज के विभिन्न जिलों के बिजली विभाग के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बात की। बैठक में मंत्री ने उत्तर बंगाल में बिजली की स्थिति को सामान्य करने के अलावा आगामी मानसून के मौसम के लिए आवश्यक तैयारी करने का भी निर्देश दिया।

विभाग के सूत्रों के मुताबिक आंधी तूफान की आशंका को देखते हुए मंत्री ने उच्च माध्यमिक परीक्षा के दौरान प्रदेश में निर्बाध विद्युत सेवा बनाये रखने के निर्देश दिये हैं। कार्यालय के सभी कर्मचारी सतर्क रहें, इसीलिए बिजली विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की 28 मार्च तक की छुट्टी रद्द कर दी गई है। बैठक के बाद अरूप विश्वास ने कहा कि दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और कूचबिहार जिलों में 15 मार्च की शाम आंधी और ओलावृष्टि के कारण बिजली आपूर्ति व्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है। अब तक की खबरों के मुताबिक करीब एक सौ बिजली के खंभे टूट गए हैं, करीब 250 जगहों पर पेड़ गिर गए हैं और बिजली गिरने से इंसुलेटर नष्ट हो गए हैं। तीन सौ से अधिक बिजली कर्मचारी और अधिकारी बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सामान्य करने के लिए काम कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि बुधवार दोपहर कालबैसाखी तूफान ने जलपाईगुड़ी शहर समेत पूरे डुआर्स को अपनी चपेट में ले लिया। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के मुताबिक, डुआर्स में कालबैसाखी की शुरुआत हो चुकी है। डुआर्स में अलग-अलग स्थानों पर छिटपुट ओलावृष्टि के साथ-साथ गरज और बिजली चमकने के साथ तेज हवाएं चलीं। जगह-जगह पेड़ गिर गये। फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है।

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