आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत ओपीडी में जांच के लिए पांच लाख मरीजों ने कराया क्यूआर-कोड से पंजीकरण

आभा

नई दिल्ली, 23 फ़रवरी ।आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत अबतक पांच लाख से ज्यादा मरीजों ने ओपीडी पंजीकरण के लिए क्यूआर कोड का प्रयोग किया है। अक्टूबर 2022 में ओपीडी पंजीकरण के लिए स्कैन और शेयर सेवा की शुरुआत की गई थी। इसके शुरुआत से पांच महीने के अंदर ही इस सेवा को 365 अस्पतालों द्वारा अपनाया गया है। क्यूआर-कोड आधारित तत्काल ओपीडी पंजीकरण सेवा के माध्यम से 5 लाख से अधिक रोगियों को इंतजार और लाइनों में खड़े रहने से छुटकारा मिला है।

गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने अपने ट्वीट में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत त्वरित और कतार रहित ओपीडी पंजीकरण की सराहना की। इस सेवा के माध्यम से मरीज अपनी पसंद के किसी भी स्वास्थ्य एप्लिकेशन का उपयोग करके क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं और अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के साथ अपनी आभा प्रोफ़ाइल साझा कर सकते हैं। यह पेपर-लेस सुविधा है और इस तरह तत्काल टोकन मिल जाता है। रोगी के स्वास्थ्य रिकॉर्ड भी उनके आभा (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते) से डिजिटल रूप से जुड़े होते हैं, जिसे वे अपने फोन से कभी भी कहीं भी प्रबंधित और एक्सेस कर सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि यह सेवा वर्तमान में देश के 25 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 125 जिलों में मौजूद है। कर्नाटक (2.5 लाख टोकन), उत्तर प्रदेश (1.1 लाख उपयोगकर्ता) और दिल्ली (72 हजार उपयोगकर्ता) बेहतर रोगी अनुभव के लिए इस स्कैन और शेयर सेवा को अपनाने वाले अग्रणी राज्य हैं।

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