कोलकाता । बुधवार को मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंत्रालयों का भी बंटवारा कर दिया है। राज्य मंत्रिमंडल में आठ नए लोगों को शामिल करने के बाद उन्हें उनके मंत्रालय भी सौंप दिए गए हैं। खास बात यह है कि शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के आईटी मंत्रालय को पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को दिया गया है। इसके साथ ही सुप्रियो को इलेक्ट्रॉनिक और पर्यटन विभाग का मंत्रालय भी सौंपा गया है। इसके अलावा उद्योग मंत्रालय जो पहले पार्थ चटर्जी के पास था वह ममता कैबिनेट में पहले से महिला और बाल विकास मंत्री रहीं शशि पांजा को सौंपा गया है।
चौंकाने वाली बात यह भी है कि ममता कैबिनेट में उनके बेहद खास रहे अल्पसंख्यक नेता फिरहाद हकीम से परिवहन मंत्रालय ले लिया गया है और बुधवार को मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायक स्नेहाशीष चक्रवर्ती को दिया गया है। दोपहर के समय ही फिरहाद ने राज्य के परिवहन मंत्री के तौर पर टाटा मोटर्स के साथ राज्य में 1180 इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। यहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था “मैं रहूं या ना रहूं दुनिया चलेगी”। उनके इस बयान को इस मंत्रिमंडल के बंटवारे से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों ने दावा किया है कि उन्हें परिवहन मंत्रालय से हटाने की जानकारी पहले ही मिल गई थी। हालांकि उनके पास अभी भी शहरी विकास विभाग है। इसके साथ ही वह कोलकाता के मेयर भी हैं।
इसी तरह से नवनियुक्त मंत्री पार्थ भौमिक को सिंचाई और जल परिवहन मंत्रालय, उदयन गुहा को उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय, प्रदीप मजूमदार को पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्रालय, विप्लव रॉय चौधरी को मत्स्य विभाग (राज्य मंत्री) और तजमुल हुसैन को एमएसएमई और टेक्सटाइल विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया है। इसके अलावा सत्यजीत बर्मन को भी स्कूल शिक्षा विभाग का राज्य मंत्री बना दिया गया है।