कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शहीद दिवस के मंच पर वाममोर्चा के जमाने में हुई शिक्षकों सहित अन्य नियुक्तियों में भारी भ्रष्टाचार का आरोप गुरुवार को लगाया है। इस पर पलटवार करते हुए वयोवृद्ध माकपा नेता और हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने ममता बनर्जी को जांच समिति गठित करने की चुनौती दी है।
ममता ने कहा वाममोर्चा के जमाने में 10 से 15 लाख रुपये में शिक्षक की नौकरी दी गई थी। सरकार के पास एक दस्तावेज है जिसमें माकपा कार्यकर्ताओं की पत्नियों को शिक्षक की नौकरी मिली थी। आखिर उन्हें नौकरी कैसे मिली? इस पर पलटवार करते हुए विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित की जानी चाहिए जिसकी रिपोर्ट 15 दिनों में दी जाए। अगर भ्रष्टाचार साबित हो गया तो ममता को एक हांडी रसगुल्ला खिलाउंगा। अगर ममता यह बात साबित नहीं कर पाती हैं तो उन्हें पागलों के अस्पताल में भर्ती किया जाए। उन्हें पुख्ता साक्ष्य देने में क्या दिक्कत है। झूठ बोलने के अलावा ममता के पास सच्चाई उजागर करने का साहस नहीं है।