कोलकाता। पश्चिम बंगाल में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में उप महानिरीक्षक, अखिलेश सिंह का तबादला कर दिया गया है। वह कोलकाता क्षेत्र में एजेंसी की विशेष शाखा के प्रमुख के रूप में चुनाव के बाद की हिंसा, बीरभूम जिले के बगटुई गांव में नरसंहार, कांग्रेस पार्षद तपन कुंडू की हत्या और नदिया जिले के हंसखाली में नाबालिग बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के बाद मौत जैसी महत्वपूर्ण जांच का नेतृत्व कर रहे थे।
स्थानांतरण आदेश के अनुसार, सिंह को नई दिल्ली में सीबीआई के नए ऑपरेशन स्पेशल ड्यूटी एंड रिसर्च विंग के उप महानिरीक्षक के रूप में स्थानांतरित किया गया है। सीबीआई सूत्रों ने इसे नियमित तबादला बताया क्योंकि सिंह को शीघ्र ही महानिरीक्षक के पद पर पदोन्नत किया जाना है।
हालांकि उनके तबादले पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि तमाम मामलों में जांच की अपेक्षित गति नहीं होने की वजह से उनका तबादला किया गया है। माना जा रहा है कि इससे जांच भी बड़े पैमाने पर प्रभावित होगी।
उनके कुछ सहयोगियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि किसी भी जांच शुरू करने से पहले सिंह की विशेषता उनका दृष्टिकोण है। वह किसी भी जांच को अपने तरीके से बहुत बेहतर रास्ते पर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि जब चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच का जिम्मा उन्हें दिया गया, तो उन्होंने सबसे पहले राज्य के विभिन्न इलाकों में विशेष कैंप कार्यालय स्थापित करने का काम किया। इससे राज्य के विभिन्न भौगोलिक हिस्सों में हिंसा पीड़ितों को केंद्रीय एजेंसी तक पहुंचने में मदद मिली।
सिंह दूसरे प्रमुख सीबीआई अधिकारी हैं जिन्हें सीबीआई के कोलकाता जोन से स्थानांतरित किया गया है। इसी महीने के दूसरे सप्ताह में एजेंसी की भ्रष्टाचार रोधी शाखा के प्रभारी संयुक्त निदेशक पंकज श्रीवास्तव को कोलकाता से नई दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया है। श्रीवास्तव वित्तीय गबन जैसे चिट फंड, नारद वीडियो टेप घोटाला, मवेशी और कोयले की तस्करी और सबसे महत्वपूर्ण, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती अनियमितताओं से जुड़े सभी मामलों के समग्र प्रभारी थे।
श्रीवास्तव की जगह हिमाचल प्रदेश कैडर के 1995 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी एन वेणु गोपाल को बंगाल में नियुक्त किया गया है।