दीवाली को विश्व विरासत घोषित भारत और वैश्विक समुदाय के लिए गर्व का क्षण-सुभाष अग्रवाला

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के जाने माने उद्योगपति प्रसिद्ध समाजसेवी एवं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के नेशनल एग्जीक्यूटिव चेयरमैन सुभाष अग्रवाला ने कहा कि यूनेस्को द्वारा दीवाली को अमूर्त सांस्कृतिक विश्व विरासत के रूप में शामिल किए जाने पर गहरा हर्ष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय भारत तथा दुनिया भर में प्रकाश, सौहार्द और आशा का पर्व मनाने वाले करोड़ों लोगों के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है।
सुभाष अग्रवाला ने कहा कि यह वैश्विक मान्यता भारतीय सभ्यता के कालातीत मूल्यों तथा दीवाली के सार्वभौमिक संदेश—सत्य पर असत्य की, ज्ञान पर अज्ञान की और प्रकाश पर अंधकार की विजय— को सुदृढ़ करती है। दीवाली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सेतु है, जो विश्वभर की विविध समुदायों को जोड़ने का कार्य करती है।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान भारत की सॉफ्ट पावर को नई ऊंचाई देगा, अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक कूटनीति को प्रोत्साहित करेगा और भारतीय परंपराओं व सांस्कृतिक ethos के प्रति वैश्विक जागरूकता को और व्यापक बनाएगा। इसके साथ ही यह निर्णय देशभर के कारीगरों, शिल्पकारों, व्यापारियों और दीवाली से जुड़े छोटे व्यवसायों को नई ऊर्जा और अवसर प्रदान करेगा।
सुभाष अग्रवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उन सभी सांस्कृतिक हितधारकों को बधाई दी, जिनके अथक प्रयासों से यह वैश्विक सम्मान संभव हो सका।
उन्होंने कहा, “आज भारत विश्व मंच पर और अधिक आलोकित हुआ है—दीवाली सचमुच समस्त मानवता का उत्सव बन गई है।”

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