

कोलकाता । श्री वृंदावन बिहारी लाल की जय …भक्तिमय वातावरण में परम श्रद्धेय भाईश्री रमेश भाई ओझा ने श्री विशुद्धानंद हॉस्पिटल द्वारा बड़ा पार्क, काकुड़गाछी में श्रीमद् भागवत कथा में कहा ईश्वर – परमात्मा का वाङ्मय स्वरूप है भागवत महापुराण । भागवत का तात्पर्य है श्रीकृष्ण से साक्षात्कार । श्रीमद्भागवत महापुराण के नामकरण के संदर्भ में कहा भागवत महापुराण वेद सम्मत है । वैदिक, सनातन हिन्दू धर्म के चार चरण हैं – सत्य, तप, पवित्रता एवम् दया । विवेक से धर्माचरण करने से कल्याण सम्भव है । भाईश्री ने कहा जिस तरह जल एवम् जल की तरंग एक है, भगवान शिव – पार्वती, श्रीराम – सीता एक है, उसी तरह श्री से युक्त है राधे – कृष्ण । भक्ति रूपी राधा ज्ञान रूपी कृष्ण में समन्वित है । श्रीराधे, श्रीराधे, श्री से युक्त है श्रीमद्भागवत । अपने जीवन में 53 वर्षों की धर्म साधना कर भाईश्री अपने प्रवचन से देश – विदेश में श्रद्धालु भक्तों का मार्गदर्शन कर रहे हैं । धर्मानुरागी, समाजसेवी अशोक – अम्बिका बाजोरिया परिवार, विश्वनाथ सेकसरिया, पवन माधोगढ़िया, सुशील डाबरीवाल, बनवारीलाल सोती, नरेन्द्र, सुरेन्द्र अग्रवाल, पूर्व विधायक दिनेश बजाज, ईश्वर गुप्ता, मोहन केडिया, प्रकाश चण्डालिया, अमित सिंह राठौड़, अमित सिंह चौहान एवम् पोथी यजमानों ने सपरिवार व्यास पीठ का पूजन किया तथा सामूहिक आरती में शामिल हुए ।
