कोलकाता ; पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा (संशोधन) बिल मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को विधानसभा में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों में ध्वनि मत में हिस्सा नहीं लिया।
अग्निशमन और आपातकालीन सेवा राज्य मंत्री सुजीत बोस ने कहा कि पहले 14.5 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली इमारतों के लिए अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) आवश्यक था। इस नए बिल से उस सीमा को बढ़ाकर 15.5 मीटर किया गया है। यह छूट केवल कोलकाता नगर निगम (केएमसी) क्षेत्र पर लागू होगी। बिल के अनुसार, भवन की न्यूनतम ऊंचाई पर कोलकाता नगर निगम (निर्माण) नियम 2009 के साथ एकरूपता लाने के लिए बदलाव किया गया। बोस ने कहा कि निगम के साथ दमकल विभाग ने विशेषज्ञों से सलाह मशविरा करने के बाद सीमा बढ़ाने का फैसला किया।
विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बोस ने कहा कि पुलिस, अग्निशमन, कोलकाता नगर निगम, बिजली विभाग के विशेषयों की टीम द्वारा किए गए प्रारंभिक सर्वेक्षण में कोलकाता में 1,464 इमारतें खतरनाक पाई गईं, जिनमें ज्यादातर व्यावसायिक इमारतें हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 568 इमारतों का फायर आडिट पूरा हो चुका है। ऐसे इमारतों के मालिकों को शोकाज किया जाएगा। अगर उसमें सुधार नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह इमारतें तपिसया, बड़ाबाजार, पार्कसर्कस, तारातल्ला, साउथ व नार्थ पोर्ट, मुचीपाड़ा समेत कई और थाना क्षेत्रों में स्थित है।
भाजपा के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा ने कहा कि यह सरकार विपक्ष को विचार रखने के लिए समय दिए बिना बिल को पेश करने में विश्वास करती है। इसलिए हम चुपचाप बैठे रहे क्योंकि स्पीकर ने ध्वनि मत कराने का फैसला किया। इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कहा कि उन्होंने भी ध्वनि मत में हिस्सा नहीं लिया। ध्वनिमत से पहले विधेयक पर चर्चा में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के दो-दो विधायकों ने हिस्सा लिया।