राष्ट्रपति पद के लिए द्रोपदी मुर्मू के प्रस्तावक बने थे बंगाल के तीन नेता

 

कोलकाता । एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर राष्ट्रपति पद के लिए आदिवासी समुदाय की महिला द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को ही अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में नामांकन दाखिल हुआ है। खास बात यह है कि उनके लिए पश्चिम बंगाल के तीन आदिवासी नेता प्रस्तावक बने हैं। वे हैं झाड़ग्राम के सांसद कुनार हेम्ब्रम, मालदा हबीबपुर के विधायक जुएल मुर्मू और दक्षिण दिनाजपुर जिले के तपन विधानसभा क्षेत्र से विधायक बुधुराई टूडू। शनिवार को उन्होंने बताया कि गुरुवार रात उन्हें दिल्ली से संसदीय कार्य मंत्रालय से फोन कर दिल्ली बुलाया गया था। इसके बाद शुक्रवार को दिल्ली में संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के घर जा पहुंचे थे। कुनार हेम्ब्रम ने भी बताया कि उन्हें जल्द से जल्द दिल्ली पहुंचने को कहा गया था इसलिए बिना देरी किए विशेष विमान से वे प्रहलाद सिंह पटेल के घर जा पहुंचे थे। राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू के नामांकन पर प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर करने को कहा गया जिसमें तनिक भी देरी तीनों नेताओं ने नहीं की। सूत्रों ने यह भी बताया है कि न केवल भाजपा और सहयोगी दलों के प्रतिनिधि ही नहीं, बल्कि गैर भाजपा गठबंधन के आदिवासी प्रतिनिधियों ने भी द्रौपदी मुर्मू के प्रस्तावक के तौर पर हस्ताक्षर किया है।

उल्लेखनीय है कि नामांकन दाखिल करने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी फोन किया था और समर्थन मांगा था। सूत्रों ने बताया है कि ममता ने उन्हें शुभकामनाएं दी है और आश्वस्त किया है कि उनके लिए जो कुछ बन पड़े करेंगी। इसके पहले तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया था कि 2017 में ही राष्ट्रपति चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस ने प्रणब मुखर्जी और नजमा हेपतुल्ला के साथ द्रौपदी मुर्मू के नाम का प्रस्ताव दिया था। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी पत्र लिखे गए थे। सूत्रों ने यह भी बताया है कि तृणमूल कांग्रेस के कई आदिवासी विधायकों और सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का मन बनाया है। चुकी मुर्मू के खिलाफ विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव तृणमूल कांग्रेस ने ही दिया था इसलिए ममता बनर्जी के लिए मुर्मू का खुलकर समर्थन कर पाना फिलहाल असंभव सा है। लेकिन दावा किया जा रहा है कि चुनाव वाले दिन तृणमूल कांग्रेस खेमे से भी मुर्मू के पक्ष में वोटिंग हो सकती है जो उनकी जीत में और अधिक मददगार बनेगी।

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