कोलकाता, 14 अक्टूबर । बरसात का मौसम समाप्त होने की औपचारिक घोषणा के साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्यभर में सड़कों की मरम्मत और रखरखाव की बड़ी तैयारी शुरू कर दी है।
नवान्न सूत्रों के अनुसार, लोक निर्माण विभाग के अधीन लगभग 20 हजार किलोमीटर लंबी सड़कों के रखरखाव और विस्तार का कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा।
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से करीब 12 हजार किलोमीटर सड़कें पहले से ही ‘डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड’ के अंतर्गत आती हैं। यानी, निर्माण के बाद निश्चित अवधि में यदि सड़क को कोई नुकसान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की होती है।
लोक निर्माण विभाग की हालिया सर्वे रिपोर्ट में पाया गया है कि चालू वर्ष की भारी बारिश के दौरान लगभग दो हजार 500 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। बरसात खत्म होते ही इन सड़कों की मरम्मत का बड़ा अभियान शुरू किया जाएगा।
विभाग द्वारा जारी नई दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि प्रत्येक सड़क की ऊपरी परत की मोटाई कम से कम 40 मिलीमीटर होनी चाहिए। इसके अलावा, तीन वर्षों के भीतर यदि सड़क में कोई क्षति होती है, तो उसकी मरम्मत का खर्च ठेकेदार को ही वहन करना होगा।
अधिकारियों का मानना है कि इस प्रणाली से सड़कों की गुणवत्ता और स्थायित्व दोनों सुनिश्चित होंगे।
नवान्न सूत्रों ने बताया कि बारिश समाप्त होते ही क्षतिग्रस्त सड़कों की सूची तैयार की जा रही है। इस सूची के आधार पर आने वाले कुछ हफ्तों में चरणबद्ध तरीके से मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि इस बार अगर रखरखाव का काम समय पर शुरू हो गया तो सर्दियों तक अधिकतर सड़कें आवागमन योग्य बना दी जाएंगी।
हालांकि प्रशासन के एक हिस्से का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार सड़कों की मरम्मत कार्य में तेजी दिखा रही है। इस वर्ष लगातार बारिश के कारण कई बार मरम्मत कार्य बाधित हुआ। ऐसे में अब सरकार चाहती है कि चुनाव से पहले जनता को बेहतर सड़कों का लाभ दिखाया जा सके, ताकि विकास कार्यों के आधार पर वोट मांगा जा सके।