कोलकाता ट्रांसलेटर्स फो़रम ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस

 

कोलकाता। कोलकाता ट्रांसलेटर्स फ़ोरम ने अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस पर कैराली समाजम् के सहयोग से लेक गार्डन के उन्मुक्त आकाश तले अभिनव कार्यक्रम आयोजित किया।वरिष्ठ साहित्यकार रावेल पुष्प की अध्यक्षता में तीन सत्रों में हुए इस कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन कर रही थीं – नवनीता सेनगुप्ता। इस सत्र में स्पैनिश से बांग्ला में अनुवाद करने में महारत हासिल करने वाले वरिष्ठ अनुवादक श्री तरुण कुमार घटक को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया, जिसके अंतर्गत मान पत्र सहित अन्य उपहार प्रदान किए गए। सम्मान के प्रत्युत्तर में उन्होंने स्पैनिश से अनुवाद के दौरान आने वाले कई तरह के खट्टे-मीठे अनुभव साझा किये और साथ ही कुछ महत्वपूर्ण अनुवाद के विशेष  अंशों का पाठ भी किया। इसके साथ ही विशिष्ट साहित्यकार अनीता अग्निहोत्री ने उनके साथ अपने अनुभवों की चर्चा करते हुए प्रस्ताव रखा कि हर वर्ष न सिर्फ वरिष्ठ, बल्कि सक्षम युवा अनुवादकों को भी सम्मानित किया जाना चाहिए जिसके लिए वे अपनी संस्था से भी सहयोग की आग्रही रहेंगी।

 कार्यक्रम का दूसरा सत्र विशिष्ट कथाकार तथा अनुवादिका तृष्णा बसाक के संचालन में हुआ, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस की थीम पर एक चर्चा-सत्र का आयोजन किया गया- ट्रांसलेटिंग ए फ्यूचर यू कुड ट्रस्ट यानी कि ऐसा भविष्य अनुवादित करना जिस पर भरोसा किया जा सके। इस चर्चा में भाग ले रहे थे- सर्वश्री रावेल पुष्प,चंद्रशेखर भट्टाचार्य,जया चौधरी तथा निशी पुलुगुर्था। इस पूरी चर्चा का लब्बोलुआब ये रहा कि भाषा, तकनीक, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के माध्यम से ऐसा भविष्य निर्मित करना है, जो सभी के लिए समझने योग्य विश्वसनीय और सहानुभूति पूर्ण हो। आज हम देश दुनिया में भाषाओं को लेकर हो रहे संघर्षो को देख रहे हैं, लेकिन सही मायने में भाषायें दीवार नहीं वो तो विश्वास की पुल हैं।  इसलिए अनुवाद में संवेदनशीलता और नैतिकता अति आवश्यक है।

 कार्यक्रम का तीसरा और आखिरी सत्र अनुवादित कविताओं पर केंद्रित था, जिसमें विभिन्न भाषाओं से अनुवादित कविताओं का पाठ हुआ, जिसमें भाग ले रहे थे- सर्वश्री शुक्ति राय, अर्पिता मुखोपाध्याय, विमलेश त्रिपाठी, भूपेंद्र सिंह बशर, समर्पिता घटक, हरित सवर्ना, संचिता मुखर्जी, सुपर्णा बोस,बप्पादित्य राय विश्वास, सौम्यजीत आचार्य, फटिक चौधरी, सुधांशु रंजन साहा तथा अन्य।

अंत में संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त अनुवादक श्यामल भट्टाचार्य ने धन्यवाद देते हुए फोरम के भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। साहित्य में अनुवाद के महत्व को रेखांकित करते हुए इस कार्यक्रम में अच्छी-खासी संख्या में युवा अनुवादकों तथा श्रोताओं की उपस्थिति रही।

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