जामुड़िया के तपसी में फिर अवैध कोयला कारोबार के खिलाफ बड़ी करवाई,भारी मात्रा में अवैध कोयला जब्त

जामुड़िया । आसनसोल शिल्पांचल अवैध कोयला एवं बालू कारोबार के लिए पूरे राज्य सहित देश में जाना जाता है. शिल्पांचल में जहां एक तरफ वैध कोयला एवं बालू का कारोबार चलता है वही उसकी दूसरी तरफ उसके समानांतर अवैध रूप से भी कोयला का कारोबार लिए बकायदा सिंडिकेट बनाया जाता है, जो एक सिस्टम के अनुसार काम करता है जो फिलहाल कुछेक दिनों के लिए बंद था, लेकिन बीते कुछ महीने से जामुड़िया क्षेत्र मे पुलिस प्रशासन की आंखों के सामने एकबार फिर अवैध कोयला का काला खेल धड़ल्ले से शुरू हो गया है. इसका प्रमाण शनिवार को सामने आया है. जहां जामुड़िया थाना के केंदा पुलिस फाड़ी क्षेत्र अंतर्गत तपसी इलाके में शनिवार को सीआईएसएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में अवैध कोयला जब्त किया. गुप्त सूचना के आधार पर सीआईएसएफ और ईसीएल सुरक्षा टीम की संयुक्त कार्रवाई में तपसी इलाके स्थित बुढ़ी मंदिर के पास से बड़ी मात्रा में कोयला बरामद किया गया. जानकारी के अनुसार सीआईएसएफ को खबर मिली थी कि कुछ अवैध कोयला तस्कर पुरानी बंद खदानों से निकाले गए कोयले को इकट्ठा करके उसे भारी वाहनों से लादकर ले जाने की तैयारी कर रहे हैं. सूचना मिलते ही शनिवार सुबह छापेमारी की गई और मंदिर के आसपास दो अलग-अलग जगहों से अवैध कोयला जब्त किया गया. जब्त किया गया कोयला ईसीएल के डीपो ने भेजा जा रहा है. बताया जा रहा है कि जब्त किया गया यह कोयला तपसी और नोर्थ सियारसोल जैसे इलाके से चोरी कर यहां जमा किया जा रहा है. गौरतलब है कि पिछले महीने 22 सितंबर को भी इसी इलाके से सीआईएसएफ ने अवैध कोयला और एक ट्रक जब्त किया था. इसके बावजूद अवैध कोयला तस्कर तस्करी करने से बाज नहीं आ रहे हैं और लगातार इलाके में तस्करी बढ़ती जा रही है. अवैध कोयला तस्करी पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाना सुरक्षा विभाग के लिए चुनौती साबित हो रहा है. वहीं जब्त किया गया अवैध कोयला को लेकर अभी तक आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन सीआईएसएफ के उच्च अधिकारियों द्वारा नाम न छापने की शर्त ओर कहा गया कि उनकी टीम लगातार पेट्रोलिंग करती है, लेकिन जहां लॉ एंड ऑर्डर बात होती है तो वो पुलिस देखती है. की खबर मिलने पर अक्सर कार्रवाई की जाती है. जबकि सीआईएसएफ (ईसीएल) के कमांडेंट राहुल यादव ने कहा कि सूचना मिलने पर टीम कार्रवाई कि करती है, जो आगे भी की जाएगी. बताया जाता है इस अवैध कारोबार की कमाई पश्चिम बंगाल के निचले स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों, पक्ष एवं विपक्ष के सफेद पोशों से लेकर ऊपरी महल तक एवं दिल्ली तक भी जाती रही है. यह कारोबार कुछ महीनों तक बंद रहा, हालाकि इस बीच चोरी-छुपे छिटपुट रूप से अवैध कोयला का कारोबार चलता रहा है. फिर इन अवैध कारोबारियों ने बैठक की और यह कारोबार फिर एक बार शुरू हो गया. प्रारंभिक स्तर पर अभी यह कार्य शिल्पांचल के अवैध कुंआनुमा कोयला खदान, बंद पड़े खुले खदान, ईसीएल के चालू खुले खदानों से स्थानीय कोयला चोरों की मदद से निकाला जा रहा है और यह कोयला साइकिल व बाईक द्वारा आसपास के अवैध डीपो में जमा किया जा रहा हैं. जहां से यह अवैध कोयला ट्रकों में लोड कर अवैध पेपर के माध्यम से बाहर भेजा जा रहा है. सूत्रों की माने तो अभी यह गिरोह पूरी तरह संगठित नहीं है. अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग माफिया काम कर रहे हैं. सूत्रों की माने तो फिलहाल यह काम कुल्टी, बाराबनी, जामुडया एवं पांडेश्वर के विभिन्न इलाके में धरल्ले से चल रहा है. विशेषकर जामुड़‌या इलाके में चरणपुर खुला खदान, एबी पिट के जंगलों, बीजपुर एवं मीठापुर के के जंगल, नॉर्थ सियारसोल के खुला खदान से जमकर कोयले की चोरी हो रही है. यहां से कोयला चोरी कर आसपास के विभिन्न अवैध डिपो में पहुंचाया जाता है, जहां से वैध व अवैध कागजात के माध्यम से ट्रकों द्वारा कोयला बाहर भेजा जाता है.हालांकि इस विषय पर अभी तक कोई भी खुलकर कुछ कहने को तैयार नहीं!

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