इंडिया आजाद भइल भारत गुलामें बा,याद किये गये कवि डॉ.चन्द्रदेव सिंह…
कोलकाता 21 सितंबर । कविवर डॉ.चन्द्र देव सिंह जी को याद करते हुए कवि गिरिधर राय ने कहा कि इसी बड़ाबाजार लाइब्रेरी की काव्य गोष्ठियों का संचालन कभी बहुत ही सुन्दर ढंग से चन्द्रदेव सिंह जी किया करते थे। डॉ.गिरिधर राय ने उनकी भोजपुरी ग़ज़ल उद्धत कर हिन्दी की वर्तमान स्थिति पर मारक टिप्पणी की …
कारे अँगरेजवन के इहे कारनामे बा ,
इंडिया आजाद भइल, भारत गुलामें बा.
अइसन सुराज कतहुँ दुनिया मा ना पइबा,
कुतिया बा कमरा मा गाइ जरत घामा बा.
साधुराम बंसल सभागार में आयोजित हिन्दी- पखवाड़ा के इस समारोह में चन्द्र देव सिंह की चुनाव केन्द्रित
कविता प्रस्तुत की गयी-…
एक सरगना तस्करियन कs ,दूसर बा डाकुन कs दादा
तीसर बम कs व्यपारी हs , चउथा कs बा साफे वादा
अगर कहीं ऊ हार गइल , तs समझs सगरो गाँव फुंकाई
तुहीं बतावs राम खेलावन, ए में के-के वोट दिआई ?
इस ऐतिहासिक काव्य-गोष्ठी की अध्यक्षता विशुद्धानंद हॉस्पिटल के एडमिनिस्ट्रेटर, साहित्य प्रेमी श्री विजय शंकर सिंह ने की । मुख्य अतिथि के रूप में लॉमार्टिनियर फॉर ब्याज के शिक्षक बलवंत सिंह गौतम एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में कवि शिव शंकर सिंह उपस्थित थे । महानगर के कई गणमान्य लगभग 25 कवियों ने कविता पाठ करके सभागार में उपस्थित सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्द्ध कर दिया. काव्यपाठ में शिरकत करने वाले महानगर के कविगण में शामिल रहे सर्वश्री राज कुमार राय, रामाकांत सिन्हा, माया राय ,हिमाद्रि मिश्रा, शिव शंकर सिंह,सोनु साह,राम सागर सिह ,आशीष मंडल ,रंजना झा ,अश्विनी झा ,भारती मिश्रा, दयाशंकर मिश्रा, जय गोपाल गुप्ता ,कमल पुरोहित, मानस कुमार , नारायण साह ,रंजन राम ,मोहित साव ,आयुष गुप्ता,अंकित पाण्डेय व अन्य. श्री विजय शंकर सिंह ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में नये कवियों के साथ- साथ युवा कवियों को प्रोत्साहित करने के लिए बड़ाबाजार लाइब्रेरी की उन्मुक्त कंठ से प्रशंसा की। इस काव्य गोष्ठी की विशेषता यह रही कि इसमें युवा कवियों के साथ-साथ श्रोता भी काफी उपस्थित थे जो अंत तक काव्यरस का भरपूर आनंद लिया। कार्यक्रम का कुशल संचालन किया बड़ाबाजार लाइब्रेरी के संयोजक डॉ.गिरिधर राय ने और धन्यवाद ज्ञापन किया बलवंत सिंह गौतम ने. कार्यक्रम को सफल बनाने में जयगोपाल गुप्ता, सुनिल कुमार मोर, बिष्णु कुमार वर्मा काफी सक्रिय थे।