अंतरराष्ट्रीय संस्था राष्ट्रीय कवि संगम एवं कल्पतरु के संयुक्त तत्त्वावधान में भव्य काव्य समारोह

बेहला के पाठक पड़ा में फ्री-हेल्थ चेकअप के सथ कवि गोष्ठी का आयोजन

कोलकाता। 31 अगस्त । हास्य-व्यंग्य के प्रखर कवि व राष्ट्रीय कवि संगम के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ गिरिधर राय की अध्यक्षता एवं राष्ट्रीय कवि संगम साउथ कोलकाता के अध्यक्ष व कल्पतरु के संरक्षक डॉक्टर ए पी राय के आतिथ्य में उनके बेहला के पाठकपाड़ा स्थिति आवास पर एक भव्य काव्य समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में कल्पतरु के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवशंकर सिंह “सुमित” उपस्थित थे। कार्यक्रम का संयोजन एवं कुशल संचालन राष्ट्रीय कवि संगम दक्षिण 24 परगना जिलाअध्यक्ष व कल्पतरु के राष्ट्रीय महासचिव विजय शर्मा “विद्रोही” ने किया।

कवियों में अक्सर यह देखा गया है कि वे अपने कविताओं के प्रति सचेत रहते हैं पर अपने स्वास्थ्य के प्रति अचेत रहते हैं। इसलिए इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी कवियों एवं श्रोताओं का भी फ्री मेडिकल चेकअप कराया गया। इस चेकअप में शुगर टेस्ट, बीपी टेस्ट तथा वजन जांच की भी व्यवस्था रखी गई थी, ताकि हम सब अपने स्वास्थ्य के प्रति भी सचेत रह सके।
कार्यक्रम की शुरुआत रामअवतार सिंह के वंदना के साथ हुई। तत्पश्चात कवि अनूप भदानी के द्वारा राम के अस्तित्व को नकारने वाले लोगों को अपने गीत के माध्यम से करारा जवाब दिया गया। कार्यक्रम में उपस्थित कवियों में त्रिभुवन प्रसाद सिंह, कुमार विश्वबंधु, कौशल किशोर मिश्र, अनूप भदानी, रामनारायण झा “देहाती”, अजय कुमार झा “तिरहुतिया”, चंद्र किशोर चौधरी, रामावतार सिंह, राजेश पांडेय, रंजीत झा, वी अरुणा, मौसमी प्रसाद,नंदू बिहारी, रमाकांत सिन्हा, रामसागर सिंह, उमा राय, विजय शर्मा “विद्रोही”, डॉ ए पी राय, शिव शंकर सिंह “सुमित” प्रमुख रहे। स्वागत वक्तव्य देते हुए डॉ अनिरुद्ध प्रसाद राय ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज को हमेशा नई दिशा देने का कार्य करते है, और यह अनवरत जारी रहने चाहिए। शिव शंकर सिंह “सुमित” ने कहा, कि साहित्य-साधना एक ऐसा महायज्ञ है, जो शब्द-साधकों के आहुतियों के द्वारा सतत प्रज्वलित रहती है। विजय शर्मा “विद्रोही” का कहना था, कि देश में कुछ षड्यंत्रकारी तत्व हमें आपस में ही लड़ाने का प्रयास कर रहे हैं। हमें इसका हल ढूंढना होगा, ताकि हमारी राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक एकता का विग्रह ना हो। डॉ गिरिधर राय ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कार्यक्रम के सफलता की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा कहा कि सभी कवियों में काफी परिपक्वता देख रहा हूं। यह हर्ष का विषय है। हमें अपने कलम से हमेशा ही समाज को दिशा देने का प्रयास करते ही रहना होगा, तभी हमारा अस्तित्व बच सकेगा। उन्होंने जहां अपनी नई पुस्तक “तमाशा बाकी है” के कुछ रचनाओं से सभी को गुदगुदाया, वही अपनी कुछ मारक कुंडलियों से गंभीर प्रश्न भी खड़े किए। कार्यक्रम को सफल बनाने में सर्वेश कुमार राय व जयप्रकाश पांडेय की भूमिका अहम रही। अभी के हाल ही में दिवंगत हुए कोलकाता शहर के लोकप्रिय कवि रणविजय श्रीवास्तव को उपस्थित सुधिजनों ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। धन्यवाद ज्ञापन का कार्य डॉ ए‌ पी राय तथा विजय शर्मा “विद्रोही” ने मिलकर किया।

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