श्री बिहारीजी सेवा सदन का तीन दिवसीय जन्माष्टमी महोत्सव 15 अगस्त से 

कोलकाता/ नव‌ वृंदावन धाम‌ (भडूंदा कलां), 9‌ अगस्त। श्री बिहारीजी‌ सेवा सदन‌ के‌ बैनर तले तीन दिवसीय जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन श्री बिहारीजी महाराज व श्री पुरुषोत्तमदास बाबा के‌ प्रधान मंदिर, नव वृंदावन धाम, भडूंदा कलां, राजस्थान में होगा। सेवा सदन के अध्यक्ष बिरम प्रकाश सुल्तानिया ने एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया कि 15 अगस्त को‌ स्वाधीनता दिवस के मौके पर झंडोत्तोलन के साथ जन्माष्टमी महोत्सव 2025 की शुरुआत होगी और 17 अगस्त को दिव्य ज्योत और‌ महाप्रसाद के साथ भव्य रूप से आयोजित तीन दिवसीय जन्माष्टमी महोत्सव को विराम दिया जाएगा। विज्ञप्ति में बताया गया कि 15 अगस्त (शुक्रवार) को सुबह आठ बजे झंडोत्तोलन, नौ बजे‌ छात्र-छात्राओं को पाठ्य सामग्री का वितरण, साढ़े दस बजे छप्पन भोग व‌ सवाणी, शाम चार बजे‌ मंदिर प्रांगण से‌ पंचपेड़ तक शोभायात्रा और रात छह बजे से रासलीला का मंचन होगा। 16 अगस्त (शनिवार) को सुबह नौ बजे से श्री पुरुषोत्तमदास बाबा का संगीतमय मंगल पाठ, रात आठ बजे से भजन-कीर्तन और रात बारह बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। 17 अगस्त (रविवार) को प्रातः चार बजे से जात-जडूला और दिन के सवा बारह बजे से ज्योत और महाप्रसाद की व्यवस्था रहेगी। सेवा सदन के अध्यक्ष श्री सुल्तानिया ने बताया कि जन्माष्टमी महोत्सव के लिए कोलकाता से विजय सोनी, सुभाष कुल्थिया और देवेंद्र बैगानी जैसे प्रसिद्ध भजन गायकों को बुलाया गया है। ये गायक विभिन्न अवसर पर अपनी-अपनी मखमली आवाज में कर्णप्रिय भजन सुनाकर भक्ति रस की सरिता प्रवाहित करेंगे। जन्माष्टमी महोत्सव में शामिल होने कोलकाता, हावड़ा, हुगली, कुल्टी, व आसनसोल (पश्चिम बंगाल), मुंबई (महाराष्ट्र) बंगलुरु, (कर्नाटक) कानपुर (उत्तर प्रदेश),  भिवानी, सिरसा, (हरियाणा), नुआपाड़ा (ओड़िशा), बासुपट्टी, पटना (बिहार), रांची (झारखंड), सूरत (गुजरात), रायपुर, सारंगढ़ (छत्तीसगढ़), बाड़मेर, बीकानेर, इस्लामपुर (राजस्थान), गणेश बिहार (पंजाब), तेजपुर (असम)‌ के अलावा देश‌ के विभिन्न राज्यों समेत पड़ोसी देश नेपाल से भी बाबा सेवक नव वृंदावन धाम पहुंच रहे। बाबा सेवकों के लिए ठहरने और भोजन की उत्तम व्यवस्था की जा रही है। जन्माष्टमी महोत्सव को सफल और यादगार बनाने में बाबा सेवक और सेविकाएं सक्रियता से जुटी हैं।
शंकर जालान

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