शहीद दिवस रैली को लेकर हाईकोर्ट सख्त, पूछा-जनता और कितना सहन करेगी

 

कोलकाता, 17 जुलाई । तृणमूल कांग्रेस की 21 जुलाई को धर्मतला में होने वाली शहीद दिवस रैली को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट ने चिंता जताई है। गुरुवार को इससे संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति तीर्थकर घोष की अध्यक्षता वाली पीठ ने रैली के मद्देनज़र संभावित ट्रैफिक जाम और आम नागरिकों की असुविधा को लेकर राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस से जवाब मांगा है।

कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि “सभा करना अधिकार है, लेकिन आम जनता और कितनी असुविधा सहन करेगी?” इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया कि रैली को रोका नहीं जाएगा, पर आम लोगों की सहूलियत सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है और इसे पूरा करना होगा ।

कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि सुबह 11 बजे से पहले कोई बाहरी व्यक्ति शहर में प्रवेश नहीं कर सकेगा तथा जो लोग पहले से कोलकाता में हैं, केवल वही रैली में शामिल हो सकेंगे। जहां तक हो सके सड़कों का कम से कम एक-तिहाई हिस्सा हमेशा खुला रखना अनिवार्य होगा।
कोर्ट ने कोलकाता पुलिस और राज्य सरकार को इन शर्तों को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया गया है।

न्यायमूर्ति घोष ने यह भी सवाल उठाया कि लाखों लोगों की भीड़ को शहर के केंद्र में इकट्ठा करने की आवश्यकता क्यों है? उन्होंने कहा है कि “ऐसे बड़े आयोजनों के लिए स्टेडियम जैसे स्थानों का इस्तेमाल किया जा सकता है। सार्वजनिक सड़कों पर इतनी बड़ी भीड़ आम नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन करती है। सड़कें सभी के लिए है किसी विशेष पार्टी और राजनीतिक दल के लिए नहीं।

वहीं, राज्य की ओर से एडवोकेट जनरल ने बताया कि रैली के लिए सभी आवश्यक अनुमति ली गई है और ट्रैफिक नियंत्रण की पूरी योजना तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान भी इसी तरह के प्रतिबंध लागू होते हैं।

हालांकि कोर्ट इस तर्क से संतुष्ट नहीं हुआ और पूछा कि “क्या कोलकाता के पुलिस कमिश्नर लिखित आश्वासन देंगे कि उस दिन कोई ट्रैफिक जाम नहीं होगा?”

याचिकाकर्ता संगठन ने आरोप लगाया कि एक विशेष राजनीतिक दल को बार-बार नियमों से छूट दी जाती है, जबकि अन्य के लिए सख्ती बरती जाती है। कोर्ट ने इस संदर्भ में भविष्य के लिए एक स्थायी नीति तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

हाईकोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर से रैली के दिन के लिए वैकल्पिक ट्रैफिक योजना और नियंत्रण उपायों की विस्तृत रिपोर्ट शुक्रवार तक प्रस्तुत करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।

 

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