बराकर। बराकर मद्रासी पाड़ा कुष्ठ पल्ली स्थित शिव शक्ति धाम में बीती रात्रि बारह बजे के आसपास बाइक पर स्वर तीन अज्ञात लोगों ने मंदिर में बिंदेश्वरी गिरी से मारपीट कर लूट की घटना के साथ मंदिर में तला जड़ा, ये आरोप मंदिर में रह रहे बिंदेश्वरी गिरी ने लगाया, घटना की जानकारी रात्रि पुलिस को देने के बाद पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंच कर मंदिर ओर कमरे में लगे ताले को तोड़कर गिरी को अंदर प्रवेश करवाया, घटना के संबंध में मंदिर में रह रहे बिंदेश्वरी गिरी ने बताया कि रात्रि बारह बजे के बाद एक बाइक पर स्वर तीन लोगों ने मंदिर पहुंच कर रूम का दरवाजा खट खटाने लगे, पूछने पर कहा कि एक जरूरी काम है दरवाजा खोलिए, हमने कहा इतनी रात में क्या काम है, बोला बहुत जरूरी झाड़ा दिलवाना है, हमने रूम खोला तबतक तीनों रूम में घोष गए, पीछे से एक ने कहा कि बक्शा की चाबी कहा है, हमने कहा कि चाभी का क्या करोगे, इतने में हमको मारपीट करने लगे , चाभी देने कर कहा को मंदिर के कागजात दो, हमने कहा कि मंदिर के कोई कागजात मेरे पास नहीं है, इस दौरान हमको बाहर कर रूम के सामान खंगालने लगे, जहा मेरे बक्सा में एक पोटली थी उसमें रखे पच्चीस सो रूपये निकाल कर रूम पर मंदिर में नया तीन ताला मारकर निकल गए, इस दौरान हम सामने रेल के कंस्ट्रक्शन शेड में जाकर गुड्डू खान को घटना की जानकारी दी, गुड्डू ने पुलिस को सूचना दी, दस मिनट के अंदर पुलिस की एक गाड़ी पहुंच जानकारी ली, थोड़ी देर में एक गाड़ी मे पुलिस ओर पहुंची, तब पुलिस ने जानकारी लेने के बाद ताला को तोड़ हमे अंदर भेजा, मामले को लेकर गिरी से पूछताछ में बताया कि हमारे साथ किसी का कोई गीला शिकवा नहीं है, सिर्फ मंदिर कमिटी के चार सदस्य है जिनके साथ मेरा नहीं बनता है,
क्या है मामला
वही मंदिर कमिटी के अध्यक्ष सुरेश विश्वकर्मा सचिव अमरजीत गुप्ता , ने बताया कि ये सब मनगढ़ंत कहानी है , मंदिर कमिटी के किसी भी सदस्य को बिना सूचना दिए सारा खेल खेल गया, मंदिर कमिटी द्वारा मंदिर का रेल द्वारा हस्तांतरण, करने के साथ मंदिर का रजिस्ट्रेशन, पेन कार्ड , बैंक अकाउंट सभी प्रक्रिया को जा चुकी है, एक मात्र मंदिर में स्थाई रूप से मालिकाना को लेकर ये ढोंग रचे जाने का एक नाटक किया गया, वही मंदिर कमिटी ने साफ साफ बताया कि मंदिर में रात्रि अवैध तरीके के क्रिया कलाप , अड्डेबाजी, नशा का सेवन इत्यादि को लेकर जमावड़ा होता है, जो ठीक नहीं है, वही मंदिर कमिटी ने बनाया है, गिरी ने नहीं, मंदिर स्थानांतरित होने के बाद मंदिर को अपने मालिकाना संपत्ति बनाने के लिए ये परोपकांड अभी से प्रारंभ किया गया, जो मंदिर कमिटी सोलह आना की कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।