उद्यमी सम्मेलन ‘राइजिंग ईस्ट 2025’ में लघु उद्योगों की भूमिका पर केंद्रित हुआ जोर, केंद्रीय मंत्रियों ने की महत्वपूर्ण घोषणाएं

कोलकाता, 28 जून  । कोलकाता स्थित नेशनल लाइब्रेरी में लघु उद्योग भारती के तत्वावधान में आयोजित ‘राइजिंग ईस्ट 2025’ उद्यमी सम्मेलन में भारत के औद्योगिक भविष्य और लघु उद्योगों की भूमिका को लेकर व्यापक चर्चा हुई। इस भव्य कार्यक्रम में केंद्रीय रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विशेष रूप से भाग लिया। मंच पर देवी प्रसाद चौधरी, ओमप्रकाश मित्तल, सज्जन भजनका, सुमित समेत अनेक प्रतिष्ठित हस्तियां भी उपस्थित थीं।
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पद्मश्री विजेता सज्जन भजनका को किया गया विशेष सम्मानित

कार्यक्रम के दौरान हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित सज्जन भजनका को विशेष सम्मान प्रदान किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए कहा कि करीब 50 साल पहले एक छोटे से प्रयास से शुरू की गई कंपनी आज ‘सेंचुरी प्लाइ’ के रूप में देश का एक बड़ा उद्योग बन चुकी है। उन्होंने लघु उद्योगों को किसी भी बड़ी यात्रा का पहला कदम बताया।
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इंडस्ट्री 4.0’ की ओर भारत, तकनीक में निपुणता जरूरी: अर्जुन मेघवाल

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सम्मेलन में कहा कि आज का युग ‘इंडस्ट्री 4.0’ का है, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, 3डी प्रिंटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकें उद्योग की दिशा तय कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री 1.0 की शुरुआत स्टीम इंजन से, 2.0 बिजली के आविष्कार से, 3.0 कंप्यूटर की खोज से और 4.0 वर्तमान तकनीकी क्रांति से हुई है।

उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को याद करते हुए युवाओं से कहा कि सपने बड़े देखें और उन्हें साकार करने की दिशा में काम करें। बंगाल की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को रेखांकित करते हुए उन्होंने पलासी की लड़ाई, 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, और बंगाल के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि बंगाल को तटस्थ नहीं, सक्रिय होकर नेतृत्व देना होगा, तभी देश में अच्छा शासन आएगा। उन्होंने सिलीगुड़ी में हाई कोर्ट की सर्किट बेंच की घोषणा भी की।
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इनकम टैक्स में सुधार, उद्यमियों को मिल रहा रिफंड: मेघवाल

मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इनकम टैक्स एक्ट को सरल किया जा रहा है और जीएसटी उसी प्रक्रिया का शुरुआती हिस्सा है। उन्होंने बताया कि अब उद्यमियों को नियमित रूप से रिफंड मिल रहा है, जिससे उन्हें बड़ी सहायता मिल रही है।
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भारत की ऐतिहासिक औद्योगिक विरासत पर बोले अश्विनी वैष्णव

रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत की ऐतिहासिक आर्थिक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सन् 1700 के आसपास भारत विश्व जीडीपी में 29 फीसदी हिस्सेदारी रखता था। लेकिन उपनिवेशवाद और औद्योगिक क्रांति में पिछड़ने के कारण भारत पीछे रह गया।

उन्होंने कहा कि भारत एक समय में वैश्विक विनिर्माण केंद्र था, जहां से स्टील, वस्त्र, और कई अन्य उत्पादों का निर्यात होता था। गणितीय ज्ञान, संस्कृति और लिपि के माध्यम से भारत ने कंबोडिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड और वियतनाम को बिना युद्ध के जीता। उन्होंने हिंदू न्यूमरल सिस्टम के अरबी अनुवाद और यूरोप में इसके प्रसार की ऐतिहासिक प्रक्रिया को रेखांकित किया।
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कांग्रेस की नीतियों पर निशाना

अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस सरकारों की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि एक समय ऐसा था जब कार का हैंडल बदलने के लिए भी संयुक्त सचिव से अनुमति लेनी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि 1990 में पीवी नरसिम्हा राव सरकार और फिर अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने लाइसेंस राज को खत्म किया और आत्मविश्वास की वापसी कराई।
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मोदी सरकार में रेल और अर्थव्यवस्था में हुआ बड़ा विस्तार

उन्होंने कहा कि 2014 में जब मोदी सरकार आई, तब से रेलवे का बजट ₹24 हजार करोड़ से बढ़ाकर ₹2.5 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। भारत में अब हर साल 1,400 लोकोमोटिव इंजन और सात हजार नए कोच बनाए जा रहे हैं। इसके पीछे भारत की मजबूत होती अर्थव्यवस्था है।

उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए केवल सरकार नहीं बल्कि जनता की भी भागीदारी जरूरी है, और इसके लिए प्रोडक्ट्स की क्वालिटी को प्राथमिकता देनी होगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत सरकार के हर ₹100 निवेश पर ₹360 का रिटर्न आ रहा है, जिसमें से 60 फीसदी लघु उद्योगों के पास पहुंच रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि सिलीगुड़ी गलियारा को विश्व स्तर का अत्याधुनिक तकनीक इस्तेमाल करके विकसित किया जाएगा।

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