नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान : संजय सिन्हा

नई दिल्ली (आकाश शर्मा) : पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ हुए सैन्य संघर्ष के बाद भारत ने अपनी रणनीति में तेजी से बदलाव किया है। आतंकवाद के खिलाफ सतत संघर्ष के लिए सुरक्षाबल तैनात हैं। इन्हीं तमाम मुद्दों पर इस संवाददाता ने मीडिया पर्सनैलिटी और सोशल एक्टिविस्ट संजय सिन्हा से बात की और उनसे जानना चाहा कि भारत – पाक संबंधों को वह किस तरह से देख रहे हैं।इसपर इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल के इंटरनेशनल चेयरमैन संजय सिन्हा ने कहा, ‘ शीर्ष नेतृत्व लगातार उन जगहों पर जाकर सेना का मनोबल बढ़ा कर पाकिस्तान के झूठे दावों का पर्दाफाश कर रहा है, जिन पर पाकिस्तान ने हमले की बात कही थी। इसी क्रम में रक्षामंत्री श्रीनगर में सेना के जवानों से मिलने गए। वहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया कि पाकिस्तान एक दुष्ट और गैरजिम्मेदार देश है, उसके पास परमाणु हथियार होना खतरे से खाली नहीं हो सकता। वह बार-बार भारत को परमाणु हमले की धमकी देता रहा है,लेकिन भारत कभी पाकिस्तान की परमाणु धमकी के आगे झुकने वाला नहीं है। ‘ उन्होंने कहा कि, ‘ इसके पहले प्रधानमंत्री ने भी कहा था कि भारत कभी पाकिस्तान की परमाणु धमकी के आगे झुकने वाला नहीं है। रक्षामंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के परमाणु आयुध पर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजंसी की निगरानी होनी चाहिए। भारत इसकी मांग अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएगा। भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी तरह के व्यापारिक संबंध तोड़, सिंधु जल समझौते को निलंबित और उसके आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर उसे काफी कमजोर कर दिया है। अब उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। अगर उसके परमाणु हथियारों पर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजंसी की निगरानी पर सहमति बनती है, तो पाकिस्तान पर दबाव और बढ़ जाएगा।’

श्री सिन्हा के मुताबिक, ‘ पाकिस्तान के परमाणु आयुध को लेकर लंबे समय से चिंता जताई जाती रही है। इसलिए कि वहां आतंकवादी संगठनों को प्रश्रय मिलता है। वहां के खूंखार दहशतगर्द सेना और खुफिया एजंसी के संरक्षण में रहते रहे हैं। ऐसे में यह खतरा लगातार बना रहता है कि उसके परमाणु हथियार अगर आतंकियों के हाथ लग गए, तो वे विनाश का कारण बन सकते हैं। भारत के साथ पाकिस्तान के तल्ख रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं, पर दूसरे देशों में भी उसके आतंकियों की गतिविधियां उजागर हैं। इसलिए यह न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। भारत ने न सिर्फ उसके नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बना कर उन्हें ध्वस्त कर दिया, बल्कि इसके सबूत भी पूरी दुनिया के सामने पेश कर दिए कि वहां का राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व विश्व आतंकवादी की सूची में शामिल संगठनों और आतंकियों के साथ खड़ा है। इतना कुछ हो जाने के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। कश्मीर के त्राल और केल्लर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह आतंकियों का मारा जाना इस बात का सबूत है कि अब भी वह घाटी में दहशतगर्दी को बढ़ावा दे रहा है।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?