मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का आदेश
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादास्पद टिप्पणी करने के मामले में राज्य के मंत्री विजय कुमार शाह के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने राज्य सरकार को चार घंटे के भीतर शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने और अनुपालन रिपोर्ट पेश करने के लिए बुधवार शाम 6 बजे तक की समय सीमा निर्धारित की है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और विवाद
शाह की टिप्पणी ने देशभर में हंगामा खड़ा कर दिया है, और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है। मंगलवार को मंत्री द्वारा सार्वजनिक माफी मांगने के बावजूद, विवाद बढ़ता जा रहा है और आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप इस मामले में एक नई दबाव की स्थिति उत्पन्न कर रहा है, जो दर्शाता है कि यह मामला अभी सुलझने से दूर है। इस बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख जीतू पटवारी ने भी इस मामले में शाह के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने भोपाल में मीडिया से कहा कि हमने मंत्री कुंवर विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में सशस्त्र बलों की वीरता की सराहना की और इस कठिन समय में उनके प्रति एकजुटता व्यक्त की। हालांकि, मध्य प्रदेश के एक मंत्री ने सेना के अधिकारियों और महिलाओं का अपमान किया। इस पर भाजपा की चुप्पी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
आगे की कार्रवाई की संभावना
कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि कुंवर विजय शाह को 24 घंटे के भीतर बर्खास्त नहीं किया गया, तो वे देशभर के सभी पुलिस थानों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। इस बीच, संकेत मिल रहे हैं कि मोहन यादव सरकार शाह के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मंत्री को गुरुवार तक उनके पद से हटाया जा सकता है। हालांकि, भाजपा की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है।
एजेंसी