कोलकाता । स्वामी प्रभुपाद और मोरारजी देसाई के साथ ही स्वामी शिवानंद का जन्म हुआ था। प्रभुपाद और मोरारजी देसाई को गुजरे हुए जमाने हो गए लेकिन आज भी स्वामी शिवानंद योग के जरिए हष्ट-पुष्ट हैं और चलते फिरते बोलते बतियाते भारतीय संस्कृति और योग साधना को लोगों के बीच फैला रहे हैं। योग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए हाल ही में राष्ट्रपति के हाथों उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया है। 126 साल के उम्र के बावजूद आज भी चलने फिरने में सक्षम लोगों को योग सिखा रहे स्वामी शिवानंद को अब राजधानी कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए आगामी 23 जून यानी गुरुवार को सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी आमंत्रित किया गया है। राजकीय रविंद्र सदन के प्रेक्षागृह में स्वामी जी का सम्मान होना है।
पद्म पुरस्कार प्राप्त करने के बाद, वाराणसी के कबीर नगर के 126 वर्षीय बंगाली ‘महापुरुष’ का पूरे देश में चर्चा है। खुद प्रधानमंत्री ने अपने मन में यह बात स्वीकार की है कि देश और दुनिया में हर कोई इस बुजुर्ग व्यक्ति के बारे में उत्सुक है। स्वामी जी की लंबी उम्र का राज हर कोई जानना चाहता है। बता दें कि कुछ दिन पहले स्वामी जी ने नेताजी पर कमेंट कर हंगामा खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा, “अगर मैं जिंदा हूं तो नेताजी क्यों नहीं?”