होटल में ज्वलनशील सामग्री एकत्रित करने का आरोप,अग्निशमन के इंतजाम नाकाफी, दो बच्चों सहित 14 लोगों की मौत

 

अग्निशमन के इंतजाम नाकाफी, आपातकालीन मार्ग नहीं
कोलकाता, 30 अप्रैल । कोलकाता के बड़ा बजार इलाके के मछुआ क्षेत्र में मंगलवार रात एक छह मंजिला होटल ‘ऋतुराज’ में लगी भीषण आग में दो बच्चों सहित कुल 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि होटल में न तो अग्निशमन के पर्याप्त इंतज़ाम थे और न ही आपातकालीन निकास मार्ग। पुलिस फरार होटल मालिक की तलाश कर रही है।
हादसे के समय होटल के 42 कमरों में कुल 88 लोग थे। इनके अलावा होटल के 60 स्टॉफ थे। मरने वालों में 11 पुरुष एक महिला और दो बच्चे हैं। पुलिस ने फिलहाल मरने वालों की पहचान उजागर नहीं की है। इनमें से एक की पहचान आनंद पासवान के तौर पर हुई है जो आग लगने के बाद जान बचाने के लिए ऊपरी मंजिल से कूद गए थे लेकिन उनकी मौत हो गई। बाकी लोगों की जान दम घुटने की वजह से हुई है।

आग सबसे पहले होटल के दूसरे माले पर लगी और धीरे-धीरे पूरी इमारत में फैल गई। हालांकि लोगों की जान आग से नहीं, धुएं में दम घुटने से हुईं। दमकल अधिकारियों के मुताबिक, 14 में से 13 लोगों की मौत दम घुटने से हुई। होटल में न तो वेंटिलेशन की व्यवस्था थी और न ही बाहर निकलने का वैकल्पिक रास्ता।

होटल में नहीं थे अग्नि सुरक्षा उपकरणराज्य अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट में बताया गया है कि होटल में अग्निशमन यंत्र, अलार्म, वेंटिलेशन और रिजर्वर में पानी की व्यवस्था तक नहीं थी। पूरे भवन में केवल एक ही रास्ता था, जिससे बाहर निकला जा सकता था। मौके पर पहुंचे दमकल मंत्री सुजीत बोस ने खुद माना कि होटल में आग से बचाव का कोई इंतज़ाम नहीं था।

ममता और मोदी ने जताया शोक, राहत की घोषणामुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि होटल में ज्वलनशील पदार्थ रखे गए थे, जिसके कारण यह त्रासदी हुई। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री राहत कोष से यही सहायता राशि देने का ऐलान किया।

एसआईटी जांच शुरू, फॉरेंसिक टीम सक्रियकोलकाता पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का मुआयना शुरू कर दिया है ताकि यह पता चल सके कि आग किन परिस्थितियों में लगी और इसके पीछे किसकी लापरवाही है।

आग लगने के बाद पूरी इमारत गैस चेंबर में तब्दील हो गई। कुछ लोगों ने खिड़कियों में जाकर जान बचाने की कोशिश की। दमकलकर्मियों ने खिड़कियों को तोड़कर कुछ लोगों को बाहर निकाला, लेकिन धुआं बहुत ज्यादा होने के कारण कई लोगों को बचाया नहीं जा सका।

 

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