कोलकाता, 30 अप्रैल । मध्य कोलकाता के मदन मोहन बर्मन स्ट्रीट स्थित एक छह मंजिला होटल में मंगलवार रात लगी भीषण आग में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार सुबह तक राहत और बचाव कार्य जारी रहा, लेकिन इस घटना ने अग्नि सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। प्रारंभिक जांच में होटल प्रबंधन की गंभीर लापरवाही सामने आई है, वहीं होटल का मालिक आग लगने के बाद से फरार बताया जा रहा है।
मौके पर मौजूद राज्य अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने कोलकाता सारांश को बताया कि होटल में न तो पर्याप्त अग्निशमन उपकरण थे, न ही वेंटिलेशन की समुचित व्यवस्था। साथ ही, होटल में आने-जाने के लिए केवल एक ही रास्ता था, जिससे बचाव कार्य में भारी कठिनाई आई।
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झुलसने की वजह से नहीं, गैस चैंबर में तब्दील हो गया था होटल जिससे गई जान
एक अधिकारी ने बताया कि मृतकों में से 13 की मौत आग में झुलसने से नहीं, बल्कि दम घुटने से हुई। एक अन्य व्यक्ति ने घबराकर नीचे कूदने की कोशिश में जान गंवा दी। होटल के भीतर पर्याप्त वेंटिलेशन नहीं था, जिससे धुएं का जमाव बढ़ता गया और लोग समय रहते बाहर नहीं निकल सके।
स्थानीय लोगों और होटल में ठहरे मेहमानों ने भी पुष्टि की कि पूरी इमारत में केवल एक ही प्रवेश और निकास द्वार था।
एक चश्मदीद ने कहा, “अगर एक और निकास मार्ग होता, तो शायद कुछ और जानें बचाई जा सकती थीं।”
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होटल में नहीं था रिजर्व वाटर
इसके अलावा होटल में आग बुझाने के लिए पाइपलाइन तो मौजूद थी, लेकिन आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए रिज़र्व पानी उपलब्ध नहीं था। अधिकारियों के अनुसार, यदि पानी मौजूद होता, तो आग के फैलने से पहले भीतर मौजूद लोग प्राथमिक स्तर पर आग पर काबू पा सकते थे।
राज्य अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायज़ा लिया और होटल प्रबंधन की लापरवाही स्वीकार की। उन्होंने कहा, “पूरे भवन में आपात स्थिति से निपटने का कोई इंतज़ाम नहीं था। हर तरफ कांच की दीवारें थीं, जिससे वेंटिलेशन और स्मोक एग्ज़ॉस्ट की कोई सुविधा नहीं थी। कई जगह फायरफाइटर्स को कांच तोड़कर आग के स्रोत तक पहुंचना पड़ा। होटल प्रबंधन के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
घटना के वक्त मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने कैबिनेट के कई सदस्यों के साथ पूर्व मिदनापुर ज़िले के दीघा में भगवान जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अग्निकांड सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि लापरवाही और नियमों के उल्लंघन का गंभीर उदाहरण है, जिसने कई ज़िंदगियां छिन लीं।