कोलकाता, 27 अप्रैल । एलर्जी और उससे उत्पन्न होने वाले विभिन्न जटिल रोग, जैसे -बचपन में सुनने की क्षमता में कमी या बहरापन की समस्याओं को लेकर अस्पताल में मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इन दोनों समस्याओं का शीघ्र एवं उचित उपचार के माध्यम से समाधान करने के लिए कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अनुसंधान परीक्षण केंद्र शुरू किया जा रहा है।
ईएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीप्तांशु मुखर्जी ने कहा कि फिलहाल यह क्लिनिक शोध के उद्देश्य से खोला जा रहा है। जहां नाक, कान और गले की एलर्जी की समस्या से पीड़ित लोगों का इलाज किया जाएगा।
एलर्जी से विभिन्न समस्याएं हो सकती हैं। किसी को छींक रही है या किसी को खांसी जैसी विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। बच्चों के लिए ‘कोक्लियर इम्प्लांट’ का मुद्दा भी चर्चा में आया है, जिसके माध्यम से बहरेपन को दूर करके सामान्य श्रवण क्षमता बहाल की जा सकती है। चूंकि यह उपकरण महंगा है, इसलिए चिकित्सक एक गैरसरकारी स्वैच्छिक संगठन के साथ मिलकर काम करेंगे।
कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल द्वारा उठाया जा रहा एक अन्य महत्वपूर्ण कदम ‘स्किन प्रिक एलर्जी टेस्टिंग’ और ‘रेडियो एलर्जी सोरबेंट टेस्ट’ है। त्वचा और रक्त परीक्षण के माध्यम से यह पता लगाना संभव होगा कि मरीज को किस चीज से एलर्जी है। यह परीक्षण थोड़ा महंगा है और वर्तमान में राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ईएनटी विभाग में नाक, कान और गले की एलर्जी के लिए एक क्लिनिक खोला जा रहा है। यह क्लिनिक प्रत्येक शनिवार को खुला रहा।