बदमाशों ने दाढ़ी-जटा काटकर छोड़ा
कोलकाता, 1 अप्रैल। पश्चिम बंगाल के घाटाल में एक हिंदू संन्यासी पर हमले का मामला सामने आया है। बदमाशों ने संन्यासी हिरण्मय गोस्वामी महाराज पर हमला कर उनकी जटा और दाढ़ी काट दी। यह घटना सोमवार शाम घाटाल के एक नंबर ब्लॉक के रघुनाथपुर इलाके में हुई। घटना के बाद महाराज को पहले घाटाल महकमा अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर शुभेंदु अधिकारी के हस्तक्षेप से उन्हें कोलकाता के एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया। हालांकि, अभी तक पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। इस हमले के बाद विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने संन्यासियों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है और इस घटना की तुलना बांग्लादेश में हुए चिन्मय प्रभु पर हमले से की है।
जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले तमलुक आश्रम के सन्यासी हिरण्मय गोस्वामी महाराज को रघुनाथपुर में एक सम्मानित परिवार के सदस्य शक्ति पद मन्ना ने अपने घर आमंत्रित किया था। उनके घर में नाम संकीर्तन और ब्राह्मण भोज का आयोजन किया जा रहा था, जिसमें महाराज को श्रीमद्भगवद्गीता पाठ के लिए बुलाया गया था। सोमवार को जब वह शाम को गीता पाठ के बाद अपने एक शिष्य के साथ गांव में टहलने निकले, तभी बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने महाराज और उनके शिष्य पर हमला किया, उनके साथ मारपीट की और उनकी जटा और दाढ़ी काट दी। हमले के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। इस हमले से महाराज के शिष्य भी दहशत में आ गए और कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाए।
जब शक्ति पद मन्ना के परिवार ने महाराज को देर तक वापस न आते देखा, तो उन्होंने उनकी खोजबीन शुरू की। काफी तलाश के बाद महाराज उन्हें सड़क पर घायल अवस्था में पड़े मिले। उन्हें पहले ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया और फिर वहां से घाटाल महकमा अस्पताल रेफर कर दिया गया।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय भाजपा विधायक शीतल कपाट को शक्ति पद मन्ना ने फोन किया। विधायक तुरंत अस्पताल पहुंचे और महाराज से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी से संपर्क किया, जिनके हस्तक्षेप से महाराज को कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
विधायक शीतल कपाट ने इस मामले पर मंगलवार को कहा, “हमलावर कौन थे और उनकी मंशा क्या थी, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। महाराज खुद पुलिस में शिकायत दर्ज कराने को तैयार नहीं हैं। मुझे नहीं लगता कि यह कोई राजनीतिक हमला है लेकिन हो सकता है कि किसी व्यक्तिगत रंजिश के कारण यह हमला किया गया हो। कुछ दिन पहले महाराज ने मुझे फोन कर शुभेंदु अधिकारी से संपर्क करने की बात कही थी और अब यह घटना हो गई, जिससे मैं भी स्तब्ध हूं।”
गौरतलब है कि हिरण्मय महाराज को आमतौर पर पुलिस सुरक्षा प्राप्त रहती है। उनके साथ हमेशा एक सिविक वॉलंटियर और दो सशस्त्र पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं लेकिन सोमवार की शाम को वे केवल अपने एक शिष्य के साथ थे, इसी कारण वे हमलावरों के निशाने पर आ गए।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को कहा, “बांग्लादेश में चिन्मय प्रभु पर हमले की तरह ही पश्चिम बंगाल में भी हिंदू संन्यासियों पर हमले हो रहे हैं। यहां उनके लिए कोई सुरक्षा नहीं है।” उन्होंने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भी आवाज उठाई है।
