
आसनसोल। प्रतिभा के धनों एवं कोयला खनन में 34 वर्षों के दक्ष अनुभव के साथ आज दिनांक 25 मार्च, 2025 को गिरीश गोपीनाथन नायर द्वारा ईस्टर्न कोलफील्ड्स तिमिटेड (ईसीएल) में निदेशक (तकनीकी) योजना व परियोजना के रूप में राष्ट्र की सतत ऊर्जा आपूर्ति के लिए समर्पित भाव से पदभार ग्रहण किया गया। भवदीय की शिक्ष-दीक्षा आईआईटी-आई एसएन, धनबाद से हुई है, उन्होंने जहाँ से माइनिंग इंजीनियरिंग में बी.टेक किया है और 1997 में प्रथम श्रेणी खान प्रबंधक योग्यता प्रमाणपत्र प्राप्त किया है। भवदीय द्वारा वर्ष 2019 में आबू धाबी में आयोजित विश्व ऊर्जा कांग्रेस तथ वर्ष 2024 में दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में आयोजित अफ्रीकी खनन इनदाबा में कोल इंडिया लिमिटेड का प्रतिनिधित्व किया गया था। उन्होंने सर्वप्रथन राष्ट्र के प्रति अपनी सेवा का आरंभ वर्ष 1990 में एसईसीएल के बिश्रानपुर क्षेत्र से किया। वहाँ उन्होंने पूर्ण निष्ठा के साथ जयनगर 3 और 4 भूमिगत खदान (इंन्लाइन) में और बाट में बिश्रामपुर खुली खदान में कार्य किया। वर्ष 2013-14 में वे पदोन्नति प्राप्ति पर बीसीसीएल स्थानांतरित हुए। जहाँ उन्होंने महाप्रबंधक (आई.ई.डी), महाप्रबंधक (सीएमसी), महाप्रबंधक (जेएमपी) और निदेशक (तकनीकी) के तकनीकी सन्निव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी कौशलपूर्ण सेवाएं प्रदान किए। तत्पश्चात वर्ष 2021 के दिसंबर माह में वे लोल इंडिया लिनिटेड मुख्यालय में महाप्रबंधक (सीरमसी) के रूप में पदस्थ हुए और फिर उसके बाद वे वहाँ अधिशासी निदेशक (संविदा) का कार्यभार संभाला। श्री नायर के करियर की मुख्य उपलब्धियों में कुस्मुंडा परियोजना (2000-2009) में कोयला उत्पादन में 7.46% और कोयला प्रेषण में 4.95% को पोगिल वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) हारित करने तथा 2009-10 में अब तक का सर्वाधिक कोपला उत्पादन और ऊपरी अधिभार हटाव (ओबीआर) प्राप्त करने में अहम योगदान और चिरमिरी के लिए 989.40 हेक्टेयर वन भूमि के अधिग्रहण के लिए स्टेज-।। मजूरी प्राप्त करना राम्मिलित है। उन्होंने कोरोना महामारी के चरम काल के दौरान बीसीसीएल की क्षमता वृद्धि के लिए रिकॉर्ड संख्या में संविदाएं अधिनिर्णित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, यह श्री गिरीश के नेतृत्व वाली टीम की असाधारण उपलब्धि मानी जाती है। श्री गिरीश ने कोल इंडिया लिमिटेड की पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन नीति और बीसीसीएल के मानदंडों के अनुसार झरिया मास्टर प्लान के अंतर्गत कानूनी हकधारकों (एलटीएच) के साथ प्रत्यक्ष् संव्यवहार के लिए प्रक्रिया आधारित क्षेत्रों के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाई, जिससे कोयला खनन के लिए भूनि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आरंभ किया गया था ताकि कंपनी अपने उत्पादन और जोखिम श्मन के लक्ष्यों को प्राप्त कर सके। यह रणनीति आगे चलकर बीसीसीएल के लिए रातत खनन भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने में निर्णायक साबित हुई। कोल इंडिया लिमिटेड के सीएमसी प्रभाग के प्रमुख के रूप में उन्होंने जोईपीएनआईसी (GePNIC) पोर्टल से जोईएम (GEM) पोर्टल पर अधिप्राप्ति संबंधित सेवाओं के सुचारू रूपांतरण और नानाविध मॉडल निविदा दस्तावेजों (एमडीओ, एनडीओ रेवेन्यू शेयरिंग, हाई वॉल आदि) के सक्षम अनुमोदन और संविदा प्रबंधन नियमावली ले संशोधन को सुनिश्चित किया।फलस्वरूप, वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान, भारत सरकार के समस्त केंद्रीय मंत्रालयों और लोक उद्यमों में क्रमशः कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया लिमिटेड जीईएम पोर्टल से शीर्ष खरीदार बना रहा। कोल इंडिया लिमिटेड में उनके लगभग 34 वर्षों के विशाल अनुभव से निश्चित रूप से न केवल ईसीएल बल्कि पूरे कोयला उद्योग को लाभ होगा।
