बेलगाछिया में छत खोने का डर, खतरे के बावजूद घर छोड़ने को तैयार नहीं लोग

 

कोलकाता, 24 मार्च  । हावड़ा के बेलगाछिया इलाके में लोग अपने घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं, भले ही खतरा उनके सिर पर मंडरा रहा हो। 19 मार्च को बेलगाछिया के कचरा डंपिंग यार्ड में भू-धंसान हुआ, जिससे कई घरों में दरारें आ गईं। सोमवार सुबह से स्थानीय लोग पुनर्वास की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम से ये लोग बात करेंगे।

सोमवार सुबह आपदा प्रबंधन विभाग की टीम बेलगाछिया पहुंची। वहां मिट्टी की जांच की जा रही है, ताकि यह तय किया जा सके कि इलाके में बायो-माइनिंग तकनीक से कचरा हटाया जा सकता है या नहीं। इस दौरान माइकिंग कर लोगों से इलाका खाली करने की अपील की गई। प्रशासन ने अस्थायी तौर पर स्थानीय क्लब में रहने की व्यवस्था की है, लेकिन लोग घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों ने कहा कि वे अपनी जान की बाजी लगा देंगे, लेकिन घर नहीं छोड़ेंगे। उनकी आशंका है कि कचरा हटाने के नाम पर उनके मकानों को तोड़ दिया जाएगा और उन्हें स्थायी घर नहीं मिल पाएगा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर अपने घर बनाए हैं, ऐसे में यदि मकान गिरा दिए गए तो वे कहां जाएंगे?

इस भू-धंसान के कारण शिवपुर और उत्तर हावड़ा की जल आपूर्ति लाइन फट गई, जिससे इलाके में पानी की भारी किल्लत हो गई थी। बाद में कोलकाता नगर निगम और उत्तरपाड़ा नगर पालिका ने पानी के टैंकर भेजकर राहत दी। इस बीच, करीब डेढ़ वर्ग किलोमीटर के दायरे में दरारें देखने को मिलीं।

अब इलाके में मिथेन गैस रिसने की भी खबर है, जिससे जल स्रोतों में मिलकर यह और बड़ा खतरा पैदा कर सकती है। प्रशासन ने मरम्मत कार्य तेज कर दिया है, लेकिन स्थानीय लोग पुनर्वास की उचित गारंटी मिलने तक घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?