आसनसोल। पुलिस और सीआईएसएफ की मिली भगत से कुल्टी थाना अंतर्गत बोडरा (बोरीरा) इलाके में धड़ल्ले से अवैध कोयला उत्खनन का कारोबार चल रहा है। इस कार्य में आसपास स्थित कल कारखानों द्वारा भी बड़ी भूमिका निभाई जा रही है। हालांकि प्रशासन इस तरह से किसी भी कारोबार से इनकार कर रही है।
कोयला उत्खनन के कारण आए दिन दुर्घटना होने के बावजूद आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट अंतर्गत कुल्टी थाना के बोडरा और चौरंगी इलाके में कोयला उत्खनन का कारोबार बेरोक टोक चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों ही कम से कम एक दर्जन से अधिक गरीब मजदूर अवैध उत्खनन के दौरान वहां जमीदोज हो गए थे। काफी शोर शराबा के बाद इलाके में बचाव कार्य चलाया गया जिसमें केवल दो मृत श्रमिकों को बाहर निकाल कर खाना पूर्ति कर दी गई थी, जबकि जानकार लगातार यह कहते रहे की अभी भी मिट्टी के नीचे कई लोग दबे हुए हैं परंतु प्रशासन अपने को सुरक्षित करने के लिए लोगों की बात को अनदेखी कर राहत कार्य बंद कर दिया।
इस घटना के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि अब अवैध उत्खनन का कारोबार बंद हो जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। दो-तीन दिन तक खामोश रहने के बाद कोयला माफिया फिर सक्रिय हो गए।
सूत्रों का यह भी कहना है कि यदि अब भी प्रशासन सचेत नहीं हुआ तो फिर धसान की घटना होगी और बिना वजह गरीब मजदूर दब कर मारे जाएंगे।
जानकारों का कहना है कि यहां दिन-रात अवैध कोयला उत्खनन का कार्य चलता रहता है। कोयला निकालने के बाद बोरे में भर कर, उसे छोटे चार पहिया वाहनों के अलावा साइकिल, मोटरसाइकिल, टोटो आदि की मदद से उक्त इलाके से गुजरने वाली हाईवे के किनारे स्थित कुछ कारखानों में कोयला को जमा किया जाता है जहां से उसे ट्रक में भरकर बाहर भेज दिया जाता है।
इस तरह कल कारखानों के नाम पर यहां कोयल का अवैध डिपो भी बन गया है। इस संबंध में चेंबर प्रतिनिधियों से बात करने पर उन लोगों ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार किया। नाम नहीं छापने के शर्त पर एक पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि कोई भी यहां किसी कोयला माफिया से दुश्मनी नहीं लेना चाहता है। वे लोग काफी खतरनाक हैं और किसी भी हद से गुजर सकते हैं। इसलिए लोग मुंह खोलने से डरते हैं। वहीं पुलिस प्रशासन सीआईएफ और नेताओं के संबंध में यह कहा जाता है कि कोयला माफियाओं द्वारा उन्हें हर महीने मोटी रकम पहुंचाई जाती है। यही कारण है कि सब कुछ जानने के बावजूद उन लोगों के खिलाफ ना तो यहां के स्थानीय नेता किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन करते हैं और ना ही पुलिस तथा सीआईएफ कोई कार्रवाई करती है। इस कारण से इलाके में खुलेआम अवैध कोयले का कारोबार चल रहा है।