ममता शासन में बेलगाम हैं कट्टरपंथी मुस्लिम समुदाय : दिलीप घोष

 

कोलकाता । भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार को ममता बनर्जी की सरकार पर कानून व्यवस्था संभालने में विफलता का आरोप लगाते हुए कहा है कि ममता राज में कट्टरपंथी मुस्लिम समुदाय बेलगाम है। पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेताओं की कथित टिप्पणी के खिलाफ गुरुवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हावड़ा में दिनभर सड़के जाम रखी और हजारों गाड़ियां जाम में फंसी रहीं। ममता बनर्जी ने इसे लेकर नाराजगी भी जताई थी बावजूद इसके रात 9:30 बजे तक राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य के राजमार्गों को जाम रखा गया था।
शुक्रवार को न्यूटाउन के इको पार्क में मॉर्निंग वॉक करने पहुंचे दिलीप घोष ने इसी का जिक्र करते हुए कहा कि ममता शासन में अल्पसंख्यक समुदाय के कट्टरपंथी समूह पूरी तरह से बेलगाम हैं। उन्हें इस बात का भरोसा है कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी क्योंकि उनके कट्टरपंथ को संरक्षण देने वालि राज्य केयी मुख्यमंत्री हैं।
उन्होंने कहा कि इसके पहले भी नागरिकता अधिनियम के नाम पर राज्य में उग्र प्रदर्शन हमने देखा है। इसी समुदाय के लोगों ने ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया था और सड़कों पर जाम कर उत्पात किया था। मुझे लगता है कि कानून व्यवस्था को संभाल कर रखने का काम राज्य सरकार को करना चाहिए। आम लोगों को परेशानी हो रही है और यह स्वीकार्य नहीं होना चाहिए।
इधर मवेशी तस्करी मामले में अणुव्रत मंडल के बॉडीगार्ड की गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने कहा कि कान पकड़ने से कुछ नहीं होगा असली माथे को पकड़ना होगा। तस्करी मामले में जो मुख्य सरगना हैं उनकी गिरफ्तारी जरूरी है। तभी लोगों को विश्वास होगा। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के घर के सामने हत्या हो रही हैं और पुलिस कुछ नहीं कर पा रही। मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर आगजनी कर रहे हैं और पुलिस खड़े-खड़े तमाशा देख रही है। केंद्र पर सवाल खड़ा करने से पहले ममता बनर्जी को अपने प्रशासन और अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। कट्टरपंथियों के खिलाफ कुछ भी करने की क्षमता ममता बनर्जी की नहीं है।
पृथक कामतापुर देश की मांग पर ममता बनर्जी को हिंसक धमकी दिए जाने के मामले का जिक्र करते हुए दिलीप घोष ने कहा कि उ उग्रवादियों के साथ ममता का पहले तालमेल और गठबंधन था। अब वही उनको धमकी दे रहे हैं तो इसमें क्या किया जा सकता है। उनकी अपनी करनी का फल है।

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